प्रयागराज । कोल्हूनाथ खालसा के महंत रामकृष्ण दास जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों को अपने धार्मिक संस्कार व संस्कृति के प्रति समर्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके अपना वर्तमान व भविष्य दोनों बेहतर करेंगे। वहीं, संस्कार व संस्कृति से दूर होने पर पारिवारिक विघटन, मानसिक अशांति, सामाजिक विकृति बढ़ती है। उन्होंने कहा कि माघ मास में प्रयागराज में कल्पवास करने से दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यहां प्रेम व भक्ति का संदेश मिलता है। प्रेम में वो शक्ति है जो पत्थर में भी परमात्मा का वास करा देता है। जरूरत है उस भाव को आत्मसात करने की। स्वामी रामकृष्ण दास महराज ने बताया कि तीर्थराज प्रयाग से प्रेम और प्रलय की उत्तपत्ति हुई थी और सृष्टि की रचना भी यही से हुई। उन्होंने बताया कि शिविर में माघी पू्र्णिमा तक धार्मिक और अन्नक्षेत्र चलता रहेगा।
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