ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 51वीं एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की छठी पुण्यतिथि पर आयोजित सात दिवसीय पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित होने वाले श्रीरामकथा ज्ञानयज्ञ की रविवार को शुरूआत हुई। सबसे पहले मंगल वेदपाठ और शंख व घंटा-घड़ियाल की ध्वनि के बीच श्रीनाथजी के मंदिर से मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में रामकथा के शुभारंभ को लेकर शोभा यात्रा निकली। उसके बाद व्यास पीठ पर अयोध्या के स्वामी श्रीराघवाचार्य वाल्मीकि रामायण के साथ विराजमान हुए। मुख्यमंत्री के स्वागत उद्बोधन के बाद उन्होंने रामकथा का शुभारंभ किया।
महंत दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि समारोह के तहत हो रहा कथा का आयोजन
शोभायात्रा में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर बाद 2.30 बजे श्रीनाथजी के मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने सबसे पहले कथावाचक अयोध्या के स्वामी श्रीराघवाचार्य और यजमानों के साथ वाल्मीकि रामायण का पूजन किया और फिर वहां की अखंड ज्योति से रामकथा के दौरान जलने वाली अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की। फिर निकली शोभायात्रा। यात्रा में वेदपाठी बच्चे मंगलपाठ करते हुए आगे-आगे चल रहे थे। कुछ बच्चे शंख और घंटा बजा रहे थे। कथा के यजमान जवाहर कसौधन सिर पर वाल्मीकि रामायण और प्रधान पुजारी कमलनाथ अखंड ज्योति लेकर चल रहे थे।गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में निकल रही इस शोभायात्रा में कालीबाड़ी के महंत रवींद्र दास, अयोध्या के दिगंबर अखाड़े के संत सुरेश दास मौजूद थे। कथास्थल महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में पहुंचकर यात्रा सम्पन्न हुई, जहां मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले श्रीरामचरितमानस व अखंड ज्योति को और फिर व्यासपीठ पर स्वामी श्रीराघवाचार्य को स्थापित किया।गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में निकल रही इस शोभायात्रा में कालीबाड़ी के महंत रवींद्र दास, अयोध्या के दिगंबर अखाड़े के संत सुरेश दास मौजूद थे। कथास्थल महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में पहुंचकर यात्रा सम्पन्न हुई, जहां मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले श्रीरामचरितमानस व अखंड ज्योति को और फिर व्यासपीठ पर स्वामी श्रीराघवाचार्य को स्थापित किया।