नैनी, प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि गेहूँ की फसल काटने से पहले खरपतवार या गेहूँ की अन्य प्रजातियों की बालियों को निकाल देन चाहिए , जिससे मड़ाई के समय इनके बीज गेहूँ के बीज में न मिलने पायें । गर्मी में चारे के लिए मक्का , लोबिया व कई कटान वाली चरी की बुवाई अभी भी की जा सकती है मेंथा में 10-12 दिन के अन्तर पर सिंचाई तथा तेल निकालने हेतु प्रथम कटाई करें । सूरजमुखी की फसल में दूसरी सिंचाई के समय मिट्टी चढ़ाने से पौधों के गिरने का डर कम रहता है भिण्डी की फसल में फलों की तुड़ाई प्रत्येक तीसरे दिन करें अन्यथा तुड़ाई नियमित न करने पर फल बड़े हो जाते हैं तथा संख्या में कम प्राप्त होते हैं । टमाटर की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें । फलों में छेद करने वाले कीट से बचाने व लिए फल तोड़ने के बाद मैलाथियान 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें । छिड़काव के 3-4 दिन बाद त फल की तुड़ाई न करें। जौ , चना , मटर व मसूर आदि की कटाई मड़ाई पूरी कर लें । आम , अमरूद , नींबू बेर तथा पपीता की सिंचाई करें । गायों में समय से कृत्रिम गर्भधान सम्पादित करवायें । जो मुर्गियाँ कम अण्डे दे रही हों , उनकी छटनी कर दें ।
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