महान स्वतंत्रता सेनानी एवं ख्यातिलब्ध अंग्रेजी कवयित्री सरोजनी नायडू की 141वीं जयन्ती, शुआट्स में 13 फरवरी, बृहस्पतिवार को मनायी गयी, जिसमंे विभाग के शिक्षकों द्वारा श्रीमती नायडू के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतत्व पर प्रकाश डाला गया।
डाॅ0 शिवानी वर्मा ने श्रीमती नायडू के जीवन का संक्षिप्त विवरण देते हुए उनके कवित्व जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को स्पर्श किया। डाॅ0 अपसरा स्टैनले ने भारत कोकिला के सहित्यिक जीवन पर एक सारगर्भित वाचन किया। डाॅ0 हीराबोस एवं सुश्री अमृतासिंह ने श्रीमती नायडू की कविता का वाचन किया। डाॅ0 शिखा चटर्जी ने श्रीमती नायडू के स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान की चर्चा की और उनके द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कविता का वाचन किया। डाॅ0 इमैनुएल प्रेम कुमार ने उनकी गद्य लेखन को उनके द्वारा लिखित गोपाल कृष्ण गोखले के पत्र के माध्यम मे प्रस्तुत किया। इसी कड़ी में राममणि त्रिपाठी ने श्रीमती नायडू द्वारा लिखित कविता का हिन्दी अनुवाद पढ़ा।
समापन उद्बोधन में डाॅ0 आशीष एलैक्जेंडर, डीन, स्कूल आॅफ फिल्म एण्ड मास कम्युनिकेशन, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग ने कहा कि श्रीमती नायडू पुरूष एवं महिला के बीच समानता की एक प्रभावपूर्ण आवाज थी। डाॅ0 एलैक्जे़डर ने हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि कृष्ण बलदेव वैद्य को भी श्रद्धांजलि ज्ञापित किया जिनका गत दिनों देहावसान हो गया था। उन्होनें कहा कि श्री वैद्य जिनकी मातृ भाषा पंजाबी थी, उर्दू से उन्हें लगाव था और अंग्रेजी के प्रोफेसर थे किन्तु उन्होनें लेखन हिन्दी में किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में इंजीनियर अमित विलियम, एसिसटेंट प्रोफेसर, स्कूल आॅफ फिल्म एण्ड मास कम्युनिकेशन ने अतिथियों का स्वागत किया। दीपक रैनसन ने प्रार्थना में अगुवाई की। कार्यक्रम का समापन इंजीनियर अमित विलियम की प्रार्थना के साथ हुआ। इस दौरान एस.एफ.एम.सी. एवं अंग्रेजी विभाग के समस्त शिक्षकगण एवं छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।