मृत शवों से संबंधित विभिन्न फॉरेंसिक पहलुओं पर हुई विस्तृत चर्चा
नैनी, प्रयागराज। फॉरेंसिक साइंस विभाग द्वारा फॉरेंसिकोपीडिया-2021 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ पूनम प्रकाश की अगुवाई में की गई तथा इसके मुख्य अतिथि श्री बृजेश भारतीया, डिप्टी डायरेक्टर, क्षेत्रिय फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला, प्रयागराज रहे। इस कार्यक्रम के दौरान शुआट्स के फॉरेंसिक साइंस के प्रोफेसर्स डॉ मुनीश मिश्रा, डॉ लव केशरवानी एवं डॉ वैभव शरण, पीएचडी के शोधकर्ता तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री भारतीया ने फॉरेंसिक साइंस विषय की कार्यप्रणाली को समझाते हुए अपने कई अनुभव साझा किए। उन्होंने मृत शवों से संबंधित विभिन्न फॉरेंसिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। इसमें उन्होंने बताया की कैसे फॉरेंसिक की सहायता से यह साबित किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की डूबकर मृत्यु हुई या उसके शव को मरणोपरांत डुबाया गया। उन्होंने बताया की आगजनी के केसेस में कैसे यह पता लगाया जा सकता है कि वह आत्मदाह का केस है या उस व्यक्ति को जानबूझ कर आग लगाई गई। बैलिस्टिक्स के संदर्भ में उन्होंने स्वयं द्वारा निरीक्षित केसेस के हवाले से समझाया कि हम खुदकुशी और हत्या के केस में अंतर कर सकते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य फॉरेंसिक साइंस के विषयांतर्गत आने वाले विभागों की चुनौतियों एवं उनके समाधान से विद्यार्थियों को अवगत करवाना था।
चर्चा के अलावा डिपार्टमेंट द्वारा क्राइम सीन एनालिसिस एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। क्राइम सीन एनालिसिस में प्रतिभागियों द्वारा काल्पनिक क्राइम सीन बनाए गए एवं उनका विश्लेषण किया गया। प्रतियोगिताएं मुख्य अतिथि, विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर्स जज की भूमिका में रहे एवं विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का समापन श्री बृजेश भारतीया को विभागाध्यक्ष द्वारा गुलदस्ता एवं मोमेंटो भेंट कर के किया गया।