विविधता से परिपूर्ण है दूरस्थ शिक्षा- प्रोफेसर सत्य काम

प्रयागराज ।
दूरस्थ शिक्षा का महत्व आज बहुत बढ़ गया है। दूरस्थ शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा लोगों तथा ग्रामीण महिलाओं के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध है। इसके  साथ ही मुक्त विश्वविद्यालय ने इसी सत्र 2024-25 से डिजिटल पाठ्य सामग्री लेने वाले छात्रों को प्रवेश शुल्क में 15% की एकमुश्त छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उक्त जानकारी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बुधवार को क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में आयोजित अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों की कार्यशाला नामांकन संवाद संपर्क एवं संप्रेषण में दी।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश शुरू किया है और इस बार हमने प्रथम वर्ष में एक लाख के प्रवेश लक्ष्य को सामने रखा है। जिसके लिए प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों में नामांकन बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति में स्व अध्ययन पाठ्य सामग्री सर्वश्रेष्ठ पाठ्य सामग्री है।   पाठ्य पुस्तक एवं गाइड की तुलना में स्व अध्ययन सामग्री की श्रेष्ठता सिद्ध है। मुक्त विश्वविद्यालय की अध्ययन सामग्री का अध्ययन करके यूपीएससी एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अभ्यर्थी सफलता अर्जित करते रहे हैं। गत वर्ष एम ए समाजशास्त्र की एक छात्रा ने  भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल की।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहता इसीलिए शिक्षकों से शीघ्रता से स्व अध्ययन पाठ्य सामग्री का निर्माण करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वह पिछड़े क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में जागरूक करने के पक्षधर हैं। इसके लिए उन्होंने समन्वयकों का आह्वान किया कि पिछड़े क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के बाद अक्सर महिलाएं पढ़ने से वंचित रह जाती हैं ऐसी महिलाओं को मुक्त विश्वविद्यालय में नामांकित करने के लिए प्रेरित करें। विश्वविद्यालय उनकी हर संभव मदद करेगा।
कार्यशाला में  प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जे पी यादव ने  विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप  किए जा रहे समर्थ पोर्टल से प्रवेश  की जानकारी दी। डॉ जी के द्विवेदी ने सेमेस्टर एवं वार्षिक परीक्षाओं से संबंधित जानकारी प्रदान की।
लखनऊ क्षेत्रीय केन्द्र से संबद्ध लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, बलरामपुर एवं हरदोई आदि जिलों में स्थित अध्ययन केन्द्रों से आए समन्वयकों डॉ पुष्पा बरनवाल, डॉ अजीत कुमार सिंह, डॉ दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ बृजेश कुमार यादव, डॉ रश्मि अग्रवाल, भावना श्रीवास्तव, प्रोफेसर राकेश जैन, डॉ पुष्पेंद्र सिंह, डॉ विजयारानी वर्मा एवं रोशनी त्रिपाठी आदि ने कई सुझाव प्रस्तुत किए एवं उनकी समस्याओं का निराकरण विश्वविद्यालय से आए प्रतिनिधियों ने किया। कार्यशाला में आए हुए आगन्तुकों का स्वागत एवं विषय प्रर्वतन क्षेत्रीय समन्वयक डॉ निरांजलि सिन्हा ने किया। कार्यशाला का संचालन सुमन वर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अलका वर्मा ने किया।
प्रारम्भ में कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती एवं राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्य अतिथि प्रो.सत्यकाम,  प्रवेश प्रभारी प्रो.जे.पी.यादव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ जी के द्विवेदी एवं क्षेत्रीय समन्वयक डाॅ. निरांजलि सिंह ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने मुक्त विश्वविद्यालय के लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र से नामांकित 70 शिक्षार्थियों को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की अभिनव योजना के अंतर्गत टैबलेट एवं स्मार्टफोन का वितरण किया। इस दौरान वह छात्रों से रूबरू हुए और भविष्य की योजनाओं के बारे में उनके विचारों से अवगत हुए। योग विषय के विद्यार्थियों की  बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्होंने लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र को योग हब के रूप में विकसित करने का ऐलान किया। इस अवसर पर जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र, लेखाकार अवनीश चन्द्र तथा इंदु भूषण पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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