उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) के 17 में से 12 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। नवनिर्वाचित विधायकों और पार्टी संगठनों के साथ शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में बैठक कर राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जीत की बधाई दी। उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि अपना दल (एस) अब प्रदेश में तीसरे नंबर की पार्टी है।
अनुप्रिया ने कहा, सभी विधायकों की जिम्मेदारी है कि अगले पांच वर्ष तक सदन में सक्रिय रहें, तभी वह क्षेत्र का विकास करा सकते हैं। अनुप्रिया ने संदेश दिया कि क्षेत्र की जनता के काम बिना भेदभाव के करने हैं। अपना व्यवहार संयमित रखना है।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में भी जुट जाएं। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संगठन की सभी कमेटियां भंग करते हुए कहा कि नई कमेटियां अप्रैल में की गठित की जाएंगी। इस दौरान कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
रामनिवास होंगे सदन में दल के नेता : पार्टी सूत्रों ने बताया कि नानपारा से पहली बार विधायक चुने गए अपना दल (एस) के राष्ट्रीय सचिव रामनिवास वर्मा विधानसभा सदन में दल के नेता बनाए जा सकते हैं। वहीं, छानबे सीट से दूसरी बार जीते विधायक राहुल कोल को उपनेता का पद सौंपा जा सकता है।
कांग्रेस को मिली सिर्फ दो सीट : विधानसभा चुनाव में पार्टी के सभी 399 प्रत्याशियों को कुल मिलाकर कांग्रेस को 21,51,234 वोट मिले जो कि कुल पड़े मतों का 2.33 प्रतिशत है। इस हिसाब से कांग्रेस के हर उम्मीदवार को औसतन 5391 वोट मिले।
वर्ष 2017 में कांग्रेस ने 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जिन्हें कुल 54,16,540 यानी 6.25 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस के प्रत्येक प्रत्याशी को औसतन 47,513 वोट मिले थे। यह इस बात का सुबूत है कि पिछले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी सपा के जनाधार की बैसाखी के सहारे थी। इस चुनाव में वह बैसाखी हटते ही उसकी हैसियत सामने आ गई।बसपा को 403 सीटों में से एक सीट पर मिली जीत : उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा ने सभी 403 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के खाते में महज एक सीट आई है। बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट से उमाशंकर सिंह बसपा से एक मात्र विधायक होंगे जो विधानसभा पहुंचेंगे।