लुप्त हो रहे संस्कारों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत, परिवार संग बैठें तो मोबाइल छोड़ें

अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग में शारीरिक प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब परिवार के सदस्यों के साथ बैठे हों तो मोबाइल का प्रयोग न करें। एक-दूसरे से खूब बात करें। आपसी संवाद से रिश्तों की डोर मजबूत होगी। संवाद हर समस्या का समाधान है, परिवार तथा समाज में संवादहीनता नहीं रहनी चाहिए।

संघ प्रमुख ने कहा कि खेलों से युवाओं में संस्कार रोपित करना होगा। जैसे ‘मैं शिवाजीÓ खेल में प्रतिभागी युवाओं को उनके जैसा शौर्य विकसित करने की सीख दी जानी चाहिए। खेलों में प्रतिभाग करने से नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। युवाओं को खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने संघ के अधिकारियों से भी कुटुंब प्रबोधन अभियान पर चर्चा की।बुधवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत दोपहर बाद चार बजे रामजन्मभूमि पहुंचे। पहले रामलला का दर्शन पूजन किया, आरती उतारी और प्रसाद लिया। बाद में मंदिर निर्माण की प्रगति देखने के लिए निर्माण स्थल पर गए। खोदाई के दौरान मिली वस्तुओं को भी देखा। मंदिर के माडल का दर्शन किया और कार्यदायी संस्था के कार्यालय जाकर बातचीत की। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने संघ प्रमुख को मंदिर निर्माण के बारे में समग्र जानकारी दी। संघ प्रमुख तकरीबन आधा घंटे परिसर में रहे।इससे पूर्व सुबह पौने आठ बजे भागवत अखिल भारतीय शारीरिक अभ्यास वर्ग में हिस्सा लेने के लिए कारसेवकपुरम पहुंचे। उन्होंने वर्ग की व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की। स्वयंसेवकों की पीठ थपथपाकर वर्ग की समाप्ति के बाद समीक्षा करने की सीख दी। सुझाव दिया कि कम खर्च में और अच्छा आयोजन कैसे हो सकता है, इस बारे सोचना चाहिए। देर शाम संघ प्रमुख अयोध्या से लखनऊ पहुंचे। उन्होंने राजेंद्रनगर स्थित भारती-भवन में लोगों से मुलाकात की।

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