लगातार मजबूत हो रहा भारत का रक्षा क्षेत्र, वार्षिक उत्पादन 1.75 लाख करोड़ पहुंचने की संभावना

भारत का रक्षा क्षेत्र स्वदेशीकरण की दिशा में मजबूत कदम, ठोस ऑर्डर पाइपलाइन और बढ़ती विकास संभावनाओं के बल पर स्थिर वृद्धि की ओर अग्रसर है। ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा क्षेत्र में सकारात्मक दृष्टिकोण बना हुआ है। इसमें सरकार का स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने पर केंद्रित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम रक्षा क्षेत्र पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखते हैं, जिसमें स्वदेशीकरण की निरंतर कोशिशें, मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन और महत्वपूर्ण विकास क्षमता शामिल हैं। भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन पहले ही 1.27 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है और वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसके 1.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने 2024-25 में 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 193 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है और पिछले रिकॉर्ड से लगभग दोगुना है। इनमें से 177 अनुबंध स्वदेशी रक्षा उद्योग को दिए गए हैं। स्वदेशी अनुबंधों का मूल्य लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये है, जो कुल अनुबंध मूल्य का 81 प्रतिशत है।रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने वित्त वर्ष 2025 में 540 अरब रुपये की आठ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी। ये मंजूरियां सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और उन्नयन की व्यापक योजना का हिस्सा हैं। प्रमुख परियोजनाओं में सेना के लिए टी-90 टैंकों में मौजूदा 1,000 हॉर्सपावर इंजन को 1,350 हॉर्सपावर इंजन से बदलने की योजना भी शामिल है।

Related posts

Leave a Comment