रूस नियंत्रित क्षेत्र में 21 हिरासत स्थल, कब्र खुदाई और युद्धबंदियों से अमानवीयता के भी संकेत

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ पूर्वी यूक्रेन के दोनेस्क क्षेत्र में कम से कम 21 ऐसे स्थलों की पहचान की है जहां रूस ने हिरासत केंद्र बनाए हुए हैं। इस हिरासत केंद्रों का इस्तेमाल रूसी सेना यूक्रेन समर्थित नागरिकों और युद्ध कैदियों के खिलाफ कर रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा, कुछ क्षेत्रों में सामूहिक कब्रों के संकेत भी मिले हैं।

येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की ह्यूमैनिटेरियन शोध प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं ने कहा कि ये 21 स्थल एक निस्पंदन (फिल्ट्रेशन) प्रणाली का हिस्सा हैं जिनका इस्तेमाल बंदियों और कैदियों से अमानवीयता के लिए किया जाता है। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले वाणिज्यिक उपग्रह इमेजरी और ओपन सोर्स जानकारी की बारीकी से जांच की गई थी।

बंदियों और कैदियों को यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों में केंद्रों के बाहर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यहां उन्हें लंबी अवधि के लिए कैद करके रूस निर्वासित किया जा सकता है या यहां तक कि मारा भी जा सकता है। शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष वेधशाला की एक रिपोर्ट के माध्यम से हालिया संघर्ष पर जारी किए हैं।

चार प्रकार के केंद्रों की पहचान
रिपोर्ट में चार प्रकार के केंद्रों की पहचान की गई है जिनमें पंजीकरण, होल्डिंग, माध्यमिक पूछताछ और निरोध शामिल है। शोधकर्ताओं ने ओलेनिव्का गांव के पास वोल्नोवाखा सुधार गृह में इस संबंध में सुबूत भी जुटाए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम दोबारा रूस से आग्रह करते हैं कि वह यूक्रेनी नागरिकों और युद्धबंदियों का रूस में निर्वासन रोके। उसने कहा कि नागरिकों और युद्धबंदियों के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए।

सामूहिक कब्रों के निशान
वोल्नोवाखा में एक अशांत क्षेत्र 11 अप्रैल की इमेजरी में दिखाई दिया जबकि दूसरा 27 जुलाई को दिखाई दिया। यहां 29 जुलाई को जेल परिसर में एक विस्फोट हुआ जिसमें 53 यूक्रेनी युद्धबंदी मारे गए। इनके अलावा 18 जुलाई के कुछ बाद और 21 जुलाई से पहले जमीन पर हुए बदलाव के चलते करीब 15 से 20 धब्बे दक्षिणी दिशा में दिखाई दिए। ये वास्तव में 6 से 7 फुट चौड़े और 10 से 16 फुट लंबे गड्ढे हैं जहां सामूहिक कब्रें बनाई गईं।

पुतिन का सशस्त्र बलों में तेजी से विस्तार का आदेश
यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने रूसी सेना को साल भर में 1,37,000 सशस्त्र बलों की भर्ती करने का आदेश दिया है। पुतिन ने अफसरों को 2023 तक रूसी सेना की संख्या कुल 11.5 लाख करने का लक्ष्य दिया है। यह आदेश 1 जनवरी से प्रभावी हो जाएगा। हालांकि आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि सेना बड़ी तादात में सैनिकों की अनिवार्य भर्ती करेगी या स्वैच्छिक सेवा देने वालों की संख्या बढ़ाई जाएगी अथवा दोनों के संयोजन से सैन्य बलों को मजबूत किया जाएगा।

जपोरिझिया प्लांट की बिजली जाने से बची रेडियेशन तबाही : जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूस के लगातार गोलाबारी करने से रेडियेशन तबाही बेहद करीब थी, लेकिन गनीमत है कि जपोरिझिया परमाणु संयंत्र की बिजली घंटों के लिए गायब हो गई। इससे तबाही बच गई। जेलेंस्की ने कहा, रूसी गोलाबारी से बृहस्पतिवार को संयंत्र के पास कोयला ऊर्जा स्टेशन की राख में आग लग गई। यह रिएक्टर से कट गया। यूरोप में अपनी तरह के सबसे बड़े ऊर्जा संयंत्र का संपर्क ग्रिड से भी कट गया। इसके बाद बैकअप के लिए रखे गए डीजल जेनरेटर से संयंत्र में कूलिंग और सुरक्षा सिस्टम के लिए बिजली आपूर्ति की गई। उधर, रूसी अधिकारियों ने इसे बेवजह का दोषारोपण करार दिया है।

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