रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। रूसी सेना में अब वालंटियर लड़ाकों को शामिल करने की बात चल रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आदेश है कि वालंटियर लड़ाकों को यूक्रेन भेजा जाना चाहिए। दोनों देशों के बीच जारी इस जंग ने तमाम मुल्कों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। हालही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता भी बेनतीजा रही। इस बीच भारत ने एक बार फिर इस मसले को सुलझाने के लिए कूटनीति का रास्ता अपनाने की बात कही है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएम तिरुमूर्ति ने कहा कि इस मामले को सुलझाने का कूटनीति और संवाद के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।यूएनएससी की बैठक में यूक्रेन ने कहा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पुतिन जिस उन्मादी जुनून के साथ यूक्रेन में अस्तित्वहीन जैविक या रासायनिक हथियारों या खतरों के बारे में कल्पना करते हैं, वह बहुत खतरनाक है। सच तो यह है कि रूस एक भयानक झूठ का संचार कर रहा है।
रूस ने कहा कि रूसी रक्षा मंत्रालय के पास ऐसे दस्तावेज हैं जो पुष्टि करते हैं कि यूक्रेन में कम से कम 30 बायोलाजिकल बाउंड्रीज वाला एक नेटवर्क था, जिसमें जैविक प्रयोग किए गए हैं। इसे अमेरिकी एजेंसी द्वारा वित्त पोषित और पर्यवेक्षण किया जा रहा है।
– टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही सीधी बातचीत से तनाव की स्थिति समाप्त हो जाएगी। कूटनीति और संवाद के अलावा इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। गंभीर मानवीय स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन से संबंधित बायोलाजिकल गतिविधियों की रिपोर्ट सामने आने के बाद बायोलाजिकल और टोक्सिन वेपन कन्वेंशन का पूर्ण एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर यूएनएससी ब्रीफिंग के दौरान बायोलाजिकल कार्यक्रमों की रिपोर्ट पर कहा कि हम एक बार फिर से सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धातों का पालन करने और देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।