यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले तीसरे देशों की सूची से हटाया

पाकिस्तान के पास मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का मुकाबला करने की मजबूत व्यवस्था नहीं है। बावजूद, इसके यूरोपीय संघ (ईयू) ने उसे उच्च जोखिम वाले तीसरे देशों की सूची से हटा दिया है। इस कदम का बुधवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वागत किया। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब यह देश  भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने इसे पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कदम बताया। पिछले साल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकाल दिया था। ठीक इसी तरह यूरोपीय संघ ने उसे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के संबंध में उच्च जोखिम वाले देशों की अपनी सूची से हटाने का फैसला किया है। पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को इस खबर की घोषणा की और एक बयान में कहा कि 2018 में पाकिस्तान को सूचीबद्ध किए जाने से नियामकीय (रेगुलेटरी) बोझ पैदा हुआ है, जिससे 27 सदस्यीय ब्लॉक के साथ कारोबार करने वाली पाकिस्तानी कंपनियां प्रभावित हुई हैं। पाकिस्तान को 2018 में सूची में शामिल किया गया था, जिससे देश को अतिरिक्त नियामक प्रतिबंधों के तहत रखा गया था। इस सूची में उन देशों को शामिल किया गया है जिन्हें यूरोपीय संघ अपने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग ढांचे के खिलाफ लड़ाई में कमजोर मानता है। प्रधानमंत्री शरीफ ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि इस फैसले से देश के कारोबारियों, व्यक्तियों और इकाइयों को सुविधा होगी। शरीफ ने कहा, ”उच्च जोखिम वाले तीसरे देशों की यूरोपीय संघ की अपडेटेड सूची से पाकिस्तान को हटाना एक बड़ा घटनाक्रम है जो हमारे कारोबारियों, व्यक्तियों और संस्थाओं को सुविधा प्रदान करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का मुकाबला करने के सरकार के अटूट संकल्प को दर्शाता है। ईयू के मुताबिक, निकारगुआ, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे ने एफएटीएफके साथ सहमत एक्शन प्लान को संबोधित करने के लिए लागू किए गए उपायों का पालन किया और मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग के खिलाफ रणनीतिक कमियों को दूर किया। पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की बाध्य संस्थाओं को अब पाकिस्तान के साथ लेनदेन करते समय कस्टमर ड्यू डिलिजेंस की जरूरत नहीं होगी।

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