यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष बनीं सोनम, अखिलेश को दिया श्राप

प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित किन्नर कल्याण बोर्ड में लखनऊ की सोनम चिश्ती को उपाध्यक्ष बनाया है। सोनम कुछ महीने पहले ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं थीं। इनके अलावा चार किन्नर सदस्य भी नामित किए गए हैं। इनमें  प्रयागराज की कौशल्या नन्द गिरी उर्फ टीना मां, गोरखपुर की किरन बाबा, जौनपुर की मधु उर्फ काजल व कासगंज की मो. आरिफ पूजा किन्नर शामिल हैं।

दरअसल, प्रदेश सरकार ने इसी साल नौ अगस्त को किन्नरों के कल्याण के लिए समाज कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में 23 सदस्यीय किन्नर कल्याण बोर्ड गठित किया था। इसमें उपाध्यक्ष व पांच सदस्य किन्नर रखे जाने थे। बुधवार को प्रदेश सरकार ने उपाध्यक्ष व चार सदस्यों को नामित कर दिया। प्रमुख सचिव समाज कल्याण हिमांशु कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए। यह बोर्ड किन्नरों की आवश्यकताओं, मुद्दों व समस्याओं पर काम करते हुए नीति व संस्थागत सुधारों के लिए सरकार को सुझाव देगा। प्रदेश में तकरीबन डेढ़ लाख किन्नर हैं।

अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समाज कल्याण बोर्ड के संयोजक हैं। महिला कल्याण, गृह, वित्त, चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, नगर विकास, न्याय विभाग, बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, लखनऊ के पुलिस आयुक्त, किन्नर समुदाय के पांच प्रतिनिधि व उनके लिए काम करने वाले एनजीओ के दो प्रतिनिधि बोर्ड के सदस्य हैं। अब एक किन्नर व एनजीओ के दो प्रतिनिधि नामित होना बाकी हैं। गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। बोर्ड का सदस्य सचिव निदेशक समाज कल्याण होंगे। बोर्ड को तीन महीने में बैठक करना जरूरी है।बोर्ड का काम किन्नर नीति को विभागों में लागू करने के साथ ही किन्नरों का शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक विकास, समानता व समता के लिए दिशा-निर्देश जारी करना है। जिला स्तरीय समिति या किन्नर सहायता इकाई के प्रकरणों पर भी बोर्ड निर्णय करेगा। जिलों में भी डीएम की अध्यक्षता में भी 13 सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति प्रतिमाह बैठक करेगी। इसमें एसएसपी, सीएमओ, एसीएमओ, निकाय अध्यक्ष, बीएसए, जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डीएम द्वारा नामित मनोवैज्ञानिक व किन्नर समुदाय के दो प्रतिनिधि सदस्य और जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। किन्नरों को पहचान पत्र मिलेंगे। किन्नरों को मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए केंद्र भी बनेंगे।

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