यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे पहुंचीं प्रयागराज, जंक्शन से लेकर घर तक स्वागत, बरसाए गए फूल

प्रयागराज। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में आल इंडिया रैकिंग में प्रथम स्थान हासिल करने वालीं शक्ति दुबे बुधवार को वंदे भारत ट्रेन से प्रयागराज पहुंचीं। साथ में उनके पिता देवेंद्र दुबे और परिवार के अन्य लोग थे। प्रयागराज जंक्शन पर पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोगों ने फूल-मालाओं के साथ उनका स्वागत किया। इसके बाद वह नैनी के मामा भांजा तालाब मोहल्ले में स्थित अपने घर पर पहुंचीं। यहां पर मां प्रेमा दुबे ने दही खिलाकर और तिलकर लगाकर स्वागत किया। यहां पर मोहल्ले के बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे। मीडिया कमिNयों से बातचीत करते हुए शक्ति दुबे ने कहा कि विश्वास नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता मिलेगी। कड़ी मेहनत और उचित मार्गदर्शन से यह मुकाम हासिल हुआ है। उन्होंने इसके पीछे अपने माता-पिता और भाई बहनों का योगदान बताया।
शक्ति ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई एसएमसी घूरपुर से की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वर्ष २०१३ में बीएससी में दाखिला लिया। शुरू से मेधावी रहीं शक्ति ने बीएससी में टॉप करने के साथ २०१६ में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। फिर बीएचयू, वाराणसी में एमएससी बायोकेमेस्ट्री में दाखिला लिया। वह एमएससी में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहीं और फिर वर्ष २०२० में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।हालांकि, कोविड के कारण शक्ति को वापस प्रयागराज आना पड़ा। लेकिन, अफसर बनने के जुनून में वह घर में ही रहकर ऑनलाइन तैयारी करती रहीं। बेटी की सफलता से उत्साहित सब इंस्पेक्टर पिता देवेंद्र दुबे बताते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा-२०२३ में शक्ति ने इंटरव्यू तक का सफर पूरा किया, लेकिन अंतिम चयन से वंचित रह गईं। इस बार दोगुने उत्साह के साथ तैयारी की। मुख्य परीक्षा में राजनीति विज्ञान विषय के साथ शामिल हुईं और इंटरव्यू में भी शानदार प्रदर्शन रहा।नैनी में मामा भांजा तालाब के पास सोमेश्वर नगर कॉलोनी में सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर शक्ति दुबे के घर पर मंगलवार को दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। घर में मौजूद पिता देवेंद्र दुबे, मां प्रेमा देवी और शक्ति की जुड़वा बहन प्रगति दुबे की खुशी का ठिकाना नहीं था। बड़े भाई आशुतोष लखनऊ में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। शक्ति की सफलता पर बधाई के लिए आस-पड़ोस के लोगों का घर में देर रात तक आना-जाना लगा रहा। शक्ति दुबे का परिवार मूल रूप से बलिया जिले के बैरिया तहसील, थाना दोकती के वाजिदपुर गांव का रहने वाला है। पिता देवेंद्र दुबे प्रयागराज में ही सब इंस्पेक्टर हैं और वर्तमान में एडीसीपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह के पेशकार हैं।सब इंस्पेक्टर पिता देवेंद्र दुबे और गृहणी मां प्रेमा देवी ने बेटी शक्ति दुबे में आईएएस बनने का जज्बा जताया। मां का कहना है कि बेटी हमेशा सोशल मीडिया से दूर रही। घर में रहकर आराम से तैयारी कर सके, इसके लिए वाईफाई लगवा दिया था। मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बहुत जरूरत पड़ने पर करती थी। शक्ति की जुड़वा बहन प्रगति और बड़े भाई आशुतोष भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पिता और मां को विश्वास था कि शक्ति को सफलता मिलेगी और भविष्य में उनके दोनों बच्चे भी आईएएस अफसर बनेंगे।इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के बायोकेमेस्ट्री विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अभय कुमार पांडेय ने कहा कि बीएससी में पढ़ाई के दौरान बायोकेमेस्ट्री विषय में शक्ति और उनकी जुड़वा बहन प्रगति के बीच हमेशा टॉप रहने की होड़ रही। बीएससी प्रथम से लेकर अंतिम वर्ष तक कभी शक्ति को कभी प्रगति को पहली रैंक मिलती।प्रो. पांडेय ने बताया कि शक्ति अपने विषय की एक्सपर्ट थीं। वह नैनी से रोज २० किलोमीटर की दूरी तय करी इलाहाबाद विश्वविद्यालय आती थीं और फिर वापस घर जातीं थीं, इसके बावजूद क्लास में कभी उन्हें अनुपस्थित नहीं देखा। बीएससी में पढ़ाई के दौरान ही शिक्त में सिविल सेवा के प्रति काफी झुकाव था।प्रो. पांडेय का कहना है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले शक्ति और उनकी बहन प्रगति स्वभाव से बहुत ही सरल और संस्कारी छात्राएं रहीं। उनका शिक्षक होने के नाते मैं यही कह सकता हूं कि अगर आप जीवन में अनुशासित हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। शक्ति ने सिविल सेवा में ऑल इंडिया टॉप करके न केवल इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे प्रयागराज को गौरवांवित किया है।

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