भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने अपने आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मंगलवार को सिडनी में भारतीय समुदाय से मुलाकात और बातचीत की। मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, “2014 के बाद से भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में तेजी से विकास के अपने आकलन को साझा किया। शिक्षा, प्रौद्योगिकी, संसाधनों और गतिशीलता सहित हमारी साझेदारी में फोकस के नए क्षेत्रों को रेखांकित किया।”
जयशंकर ने कहा कि ‘भारत, जिसने कोविड के दौरान बहुत कुछ सहा था… आज बहुत मजबूत रिकवरी के पथ पर है… हमने इसे बहुत दृढ़ संकल्प, विजन और दूरदर्शिता के साथ इसे निपटाया है। इस अवधि में भारत के स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार देखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले जो एक दशक में होता था, वह अब महीनों में हो जाता है। दूसरा बड़ा बदलाव डिजिटल है। अब हम भारत में इतने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सेवाएं देते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
इससे पहले एस जयशंकर ने यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए मिसाइल हमलों की निंदा की। रूस की इस कार्रवाई पर चिंता जाहिर करते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष किसी के हितों की पूर्ति नहीं करता है। बुनियादी ढांचे को लक्ष्य करके हमला करना और नागरिकों की मौत का कारण बनना दुनिया के किसी भी हिस्से में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ऐसी शत्रुता के खिलाफ है क्योंकि इसका दुनिया भर में हर किसी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
भारतीय विदेश मंत्री की यह टिप्पणी मॉस्को द्वारा द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई अन्य शहरों पर मिसाइल हमले के एक दिन बाद आई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता दोहराते हुए कहा कि ये संघर्ष किसी की मदद नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में बोलते हुए कोरोना, जलवायु परिवर्तन जैसी प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम इस समय 3-सी चुनौतियों कोविड, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे हैं। भारत संघर्ष के हल के लिए कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने की जरूरत में विश्वास करता हैं। रूस और यूक्रेन के बीच का संघर्ष किसी की मदद नहीं कर रहा है। लोवी इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद मैं ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का छठा मंत्री हूं। भारतीय मंत्रियों का लगातार ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना दोनों देशों के रिश्ते की गंभीरता के बारे में बताता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग से स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मदद
जयशंकर ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के रक्षा-सुरक्षा सहयोग ने स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत, अमेरिका और अन्य कई वैश्विक शक्तियां इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं। जयशंकर ने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के साथ सुबह सार्थक समय बिताया। जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर सार्थक चर्चा की। वहीं, वोंग ने भी भारत से साझेदारी को अहम बताया।
सुधार नहीं किए तो अप्रासंगिक हो जाएगा संयुक्त राष्ट्र : जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार करना मुश्किल है, लेकिन यह किया जा सकता है। बहुप्रतीक्षित सुधार नहीं किए गए तो वैश्विक संस्था अप्रासंगिक हो जाएगी। दुनिया में कई महाद्वीपों को लगता है कि यूएनएसएसी की प्रक्रिया में उनकी समस्याओं का ध्यान नहीं रखा जाता। इससे संयुक्त राष्ट्र को भारी क्षति पहुंचती है।