रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तीन लाख सैनिक और उतारने के एलान के बाद से पूरे देश में गुस्सा है। इसके खिलाफ विभिन्न शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई स्थानों पर उन्होंने सेना के दफ्तरों को आग लगा दी। पुलिस ने 2000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, साइबेरिया के शहर उस्तलिमस्क में 25 साल का जिलिन सेना के दफ्तर में घुसा और भर्ती कमांडेंट को यह कहते हुए गोली मार दी कि कोई लड़ने के लिए नहीं जाएगा। हम अब अपने घर जाएंगे। जिलिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। सेना के कमांडेंट को आईसीयू में रखा गया है। एक चश्मदीद के मुताबिक, जिलिन लड़ने के लिए बुलाए गए लोगों के साथ रह रहा था।
रूस के उत्तरी इलाके में स्थित प्रांत दागेस्तान की राजधानी मकहाचकाला में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया। इनमें महिलाओं की भी बड़ी संख्या थी। इसकी गिनती निर्धन प्रांतों में होती है। पुलिसवालों ने इन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की तो वह हाथापाई पर उतारू हो गईं। रूस के उत्तरी इलाके में ही स्थित प्रांत कबारदिनो बल्कारिया में भी पुरुषों के साथ हजारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं।
इससे पहले, पुतिन के तीन लाख लड़ाके और भेजने की बात कहने के बाद से ही हजारों लोग रूस छोड़कर जा रहे हैं। रूस से बाहर जाने वाली उड़ानों में टिकट मिलना मुहाल हो गया है। इसे देखते हुए एयरलाइनों ने अपने किराए में भी कई गुना बढ़ोतरी कर दी है। बाहर जाने वालों में बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है, जिन्होंने वापसी के टिकट बुक नहीं कराए हैं।
यूक्रेन के इलाकों में जनमत संग्रह से पश्चिम के साथ तनाव बढ़ा
यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले इलाकों में जनमत-संग्रह का मंगलवार को आखिरी दिन था। इसमें उसने दोनास्क, लुहांस्क, खेरसान और जपोरिझिया को शामिल किया है। संभावना है कि इसे आधार बनाकर रूस इन इलाकों को यूक्रेन से अलग कर देगा। इसे लेकर पश्चिमी देशों के साथ उसका तनाव और बढ़ गया है। जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा दो दिन में होने की संभावना है। अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश पहले ही इसके परिणाम को नहीं मानने की घोषणा कर चुके हैं।