युवाओं को अग्निपथ से अग्निवीर, देश सेवा का अवसर

दिनेश तिवारी
विश्व के कम से कम 100 देशों में सेना में दो साल की नौकरी करना अनिवार्य है।इजराइल जैसे देश में यदि आप सिनेमा में काम करते हैं, यदि आप डाक्टर हैं,कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं या फिर आप कविता लिखते हैं,आप टीचर है,ड्राइवर है तो भी आपको सेना में पहले काम करना ही है।केवल बीमार व अपाहिज लोगों को इसमें छूट मिलती है।भारत में अग्निपथ पद्धति के अनुसार सेना में चार साल नौकरी का विकल्प है।आपको यह नौकरी करने के लिए कोई बाध्य नही कर सकता। न ही सेना के नौकरी से देश की अन्य नौकरी पर कोई असर पड़ने वाला है।जिन युवाओं को सेना की नौकरी में जाने का सपना है उनके  लिए यह एक बड़ी सौगात है। अग्निवीर एक प्रशिक्षित मानव बनने का जरिया है जो मात्र चार साल की नौकरी सुनिश्चित करता है।उसके बाद 25% अग्निवीरों को स्थाई रुप से सेना में नौकरी मिल जाती है,शेष 75% अग्निवीर नौजवानों को अन्य विभागों में नौकरी या खुला मार्केट या व्यापार या निजी बिजनेस आदि मे जाने का अवसर रहेगा।
          यदि मान लिया जाय कि सेना में प्रतिवर्ष 50,000 की वर्तमान भर्ती होती है। यह होती रहेगी,अर्थात कुछ समय बाद 1.5 लाख लोग प्रत्येक साल सेना में चार साल नौकरी करने के बाद ओपन जाब मार्केट में आ जाएँगे और 50 हजार सामान्य रुप से सेना में स्थाई रह जाएँगे। ये डेढ़ लाख लोग पूर्ण रुप से प्रशिक्षित रहेंगे। ध्यान दीजिए कि सेना मे प्रशिक्षण केवल हथियार चलाने के लिए नहीं होता है।हथियार चलाना तो कुल प्रशिक्षण का 10% भी नही है,अन्य 90% शारीरिक और मानसिक  प्रशिक्षण के अलावा तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है।शारीरिक और मानसिक व तकनीकी रुप से प्रशिक्षित 1.5 लाख लोग अन्य जाब, जैसे फ्लिपकार्ट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, सेल्समैन, लाजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट/बैंक/राज्य सरकारों में पुलिस बल व अन्य बलों/सीएपीएफएस/असम राइफल्स क्षेत्रों इत्यादि जैसे लाखों जाब के लिए उपलब्ध रहेंगे।
             प्राइवेट कम्पनियाँ जो भारत की निंदा करती है कि यहाँ के लोगों में स्किल उपलब्ध नहीं है। उनको अब स्किल के साथ 1.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मिलेंगे जो ईमानदारी और अनुशासन,देश सेवा की शिक्षा लेकर आए हैं। इससे प्राइवेट इंडस्ट्रीज को तेजी के साथ वैश्विक बाजार में आगे बढ़ने का मार्ग मिल जाएगा। यदि कोई 17 वर्ष की आयु में आर्मी में प्रवेश करता है तो 23 वर्ष की आयु में वह रिटायर होगा। 24 वर्ष की आयु में ग्रैजुएट होगा और उस समय उसके पास व जेब में शुद्ध ट्रेनिंग और 12 लाख रुपए मौजूद रहेंगे। आज से बीस साल बाद 22 लाख आर्मी से प्रशिक्षित युवाओं (जिनकी उम्र 35 से कम होगी) की फौज होगी जिनको कभी भी युद्ध अथवा शांति के समय में प्रयोग में लाया जा सकता है। वर्तमान में देश मे सिर्फ 1% परिवार सरकारी नौकरी के बदौलत चल रहे हैं । 99% लोग अपना रोजगार खुद करते हैं। प्रश्न ये है कि कानून किसके पक्ष मे बनना चाहिए, जिससे 99% लोगों का भला हो या फिर 1% लोगो तक रहे ?अग्निपथ पद्धति से सरकार के ऊपर खर्चा कम होगा।अब जनता के टैक्स के पैसे 1% के ऊपर में खर्चा नही बल्कि 99% अन्य लोगों के भलाई के काम पर खर्चा होगा। सरकार जनता के टैक्स का पैसा किसी निकम्मे व्यक्ति (सरकारी नौकरी करने वाले) के जीवनयापन सुनिश्चित करने के लिए क्यों खर्च करेगी। अन्य सरकारी विभाग में भी यही नियम लागू हो आपकी नौकरी मात्र चार साल के लिए सुरक्षित है। भारत में पिछले 15 वर्षों से कई सरकारी विभागों में संविदा पर युवाओं को नौकरी में रखा है बेहतर और अच्छा परिणाम देने वाले युवाओं में 25 प्रतिशत उन्हें भी स्थायी करने की योजना बनानी चाहिए क्योंकि संविदा की नौकरी में कई प्रतिभाशाली युवाओं का मनोबल टूट रहा है उनके अंदर भी अग्निवीर की तरह सशक्तिकरण करना चाहिए।यदि आपके अंदर मे स्किल है तो आपको अगला काम मिलेगा वरना आप ओपेन मार्केट में है। अग्निपथ उसका नाम है जहाँ से आपकी सोचने की शक्ति समाप्त होती है वहाँ से उस वैश्विक नेता मोदी की सोच शुरू होती है।यह योजना के माध्यम से इस्लामिक देशों द्वारा चलाए जा रहे गजवा-ए-हिन्द की राह में मोदी ने फिर एक बड़ा रोड़ा अटका दिया है,सभी भारतीयों से निवेदन है कि स्वयं अपने परिवार के सभी बच्चों को भेजिए और सभी हिन्दू परिवार को भी समझाइए इजराइल की तरह सभी भारतीयों को सैनिक बना देंगे और अगर आवश्यक हुआ तो गजवा -ए-हिन्द के समय सशस्त्र सेनाओं का अभिन्न अंग भी बना देंगे। विपक्षी दलों और देश के ग़द्दारों को यह बात समझ में आ गई है। इसीलिए उन्होंने हिन्दू नौजवानों को भड़काने के लिए अपने आईटी सेल को काम पर लगा दिया है।
           हम देश भक्त भारतीय हिन्दुओं को समझना होगा और जितना जल्दी हो सके पूरे भारत के हिन्दुओं को समझाना भी होगा। देश के ग़द्दारों के बहकावे में आकर अभी से कुछ नासमझ लोग अराजकता की ओर  भागने लगे हैं और वे अभी भी इस योजना में कमियां ढूंढ रहे हैं। 40-45 की उम्र तक पढ़ाई के नाम पर छिछोरापन करने वाले जेएनयू छाप लंपट, देशद्रोही जमात भला कैसे ये बर्दाश्त कर सकता है कि 17-18 साल के युवा अनुशासित रूप से प्रशिक्षण लेकर देश की सेवा में लग जाएं। अब अग्निपथ से युवाओं के सशस्त्रिकरण की पहली सीढ़ी है। नादान मत बनिए, और ग़द्दारों के बहकावे में मत आइए। जॉब आर्मी की है, रहना, खाना, इलाज बगैरह सब मुफ्त है, मतलब जो उम्र गली और चौराहों पर चाय सिगरेट लफ्फाजी में निकल जाते है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। पहले साल- 2,52,000। दूसरे साल-2,77,200। तीसरे साल-3,06,960। चौथे साल-सालाना 3,36,000, कुल मिला कर 11 लाख 72 हज़ार 160 रुपए, चार सालों में आपके हाथों में मिलेंगे उसके बाद रिटायरमेंट पर लगभग 11 लाख 71 हज़ार मिलेंगे।सोचिए जो युवा अग्निपथ में शामिल होकर गांव या घर आएंगे तो क्या मान सम्मान प्राप्त रहेगा और एक विशेष प्रतिभा होगी,चेहरे में चमक होगी। आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को ज्वाइन ज़रूर कीजिए। अग्निपथ में 17 से 21 साल के युवाओं को मौका दे रहा है मगर भारत ने वैश्विक कोरोना महामारी के दौर को झेला है।दो साल के दौरान सेना में भर्ती का कार्यक्रम रद्द रहा है सरकार ने उन्हें भी मौका देने के लिए उम्र की सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दिया है यह स्वागत योग्य कदम है। समझिए प्रधानमंत्री मोदी सरकारी पैसों से 4 साल आपको आर्मी की ट्रेनिंग देंगे,साथ में इतने सारे पैसे भी,जॉब वैसे भी नहीं है, बारहवीं या स्नातक करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है और आपके बच्चों के साथ साथ हमारे भारत का भविष्य भी सुरक्षित है। उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई व्यापार शुरू कर लीजिएगा, या नहीं तो इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग के साथ गल्फ़ में नौकरी आसानी से मिल तो जाती ही है वहाँ भी आर्मी का अनुशासन आपके बहुत काम आएगा। जीवन जैसा अभी चल रहा है, उससे लाख गुना अच्छा तय है। तो आप अग्निपथ योजना के विरोध का हिस्सा मत बनिए बल्कि ये समझिए कि आर्मी तक नहीं पहुँचने का जो आरक्षण था।अब वो आप के लिए ख़त्म हो चुका है। अपने परिवार और भारत का भविष्य सुरक्षित कीजिए और सोचिए 24 के उम्र में जीरो से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिलाकर लगभग 12 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला लगभग 12 लाख कम नहीं है। साथ ही सुरक्षा बीमा भी होगा।देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे l साथ ही भविष्य में उन लोगो को ही प्राथमिकता मिलेगी जो अग्निवीर होंगे इसकी भी शुरुआत यूपी से हो गई है।
            भारत के ग़द्दारों की चाल को नाकाम कीजिए।भारत को गज़वा ए हिन्द से बचाना है।अग्निपथ से देशसेवा संग पैसे भी कमाना है।भारत देश को बाहरी और आंतरिक मजबूती देने का पहली बार हर भारतवासियों को मिल रहा है।जो सेना में नहीं जाना चाह रहे है कोई अनिवार्यता नहीं है।मगर अग्निपथ युवाओं को जीवन सवारने में सशक्त माध्यम की सीढ़ी है जो 25 प्रतिशत स्थायी होंगे वे अग्निवीर बनेंगे।शेष 75 प्रतिशत बाहर देशप्रेम के ओतप्रोत सराबोर होकर आएंगे उन्हें भी स्किल के योग्यता के अनुरूप अनेक संस्थानों/पुलिस बल/बैंक आदि में परिपक्वता के साथ जॉब द्वार खुला रहेगा।हर युवाओं को अग्निपथ योजना का अध्ययन करना चाहिए किसी बहकावे में आकर अपने प्रदेश व देश की संपत्ति को नष्ट व आग लगाकर कुछ हासिल नहीं होगा।बल्कि आप की ही क्षति होगी।पहले अग्निपथ योजना का अध्ययन कर लेना चाहिए क्या है क्या अवसर मिल रहा है हर युवा का सपना सेना में जाने का नहीं होता है मुश्किल से 2 प्रतिशत युवा ही सेना की भर्ती में रूचि रखते है। हर युवाओं को खुले मन से अग्निपथ का स्वागत करना चाहिए।आपका अपना प्रदेश व राष्ट्र है जिसको मजबूती देना हर भारतवासी का कर्तव्य है।तभी भारत विश्वगुरु बनेगा।
दिनेश तिवारी
     जर्नलिस्ट

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