प्रयागराज। ज्ञान, भक्ति और कर्म के अनन्य साधक, भारतीय संस्कृति के संवाहक एवं स्वनाम धन्य महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के संस्थापक स्वर्गीय लोकमणिलाल के जन्म दिवस के पावन उपलक्ष्य पर बुधवार को विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं द्वारा संस्थापक दिवस समारोह उल्लास पूर्वक मनाया गया। जिसमें विद्यालय की सचिव प्रोफेसर कृष्णा गुप्ता, कोषाध्यक्ष रविंद्र गुप्ता, प्रधानाचार्य अल्पना डे समस्त शिक्षक-वृन्द एवं छात्र-छात्राओं ने सम्मिलित होकर स्वर्गीय लोकमणिलाल के प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के आह्वान के साथ दीप प्रज्वलन हुआ। कार्यक्रम का संचालन कक्षा-9 की छात्राएं सृष्टि तिवारी एवं अनिका मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ‘‘संस्कृति की संहिता था वह जीवन….’’ इस सुमधुर गीत से हुआ, जिसके द्वारा विद्यालय के क्वायर ग्रुप ने लोकमणिलाल के आदर्शमय जीवन को प्रस्तुत किया तत्पश्चात कक्षा-9 के आयुष पाण्डेय, अद्विता एवं शिक्षा ने अपनी ओजपूर्ण वाचन शैली से लोकमणिलाल के जीवन-दर्शन एवं सुविचारों से सभी को ऊर्जस्वित किया। नारी सशक्तिकरण एवं अस्मिता के घोतक ‘‘मुझको ना कोई रोकेगा……’’ इस सुंदर भावनृत्य की प्रस्तुति ने सभी के भाव विभोर कर दिया जिसे प्रस्तुत किया कक्षा-7 की छात्राओं ने। प्रकृति प्रेमी लोकमणिलाल की स्मृति में विद्यालय में वृक्षारोपण किया गया।
इसी श्रृंखला में विद्यालय की समस्त कक्षाओं में विविध क्रियाकलापों का संचालन किया गया। कक्षा एक दो एवं तीन के बच्चों ने सुंदर कार्ड बनाकर, मूल्यपरक कहानियाँ सुनाकर एवं अपने सुविचारों द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध किया वहीं कक्षा चार एवं पांच के बच्चों ने औषधीय वृक्षों के बारे में लिखा एवं प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किये। कक्षा 6 एवं 7 के बच्चों ने स्वास्थ्यवर्धक डाइट चार्ट बनाया एवं सुंदर उद्धरण लिखे। कक्षा आठ नौ के बच्चों ने योग एवं प्राणायाम पर अपने विचार प्रस्तुत किये। वहीं कक्षा 11 के बच्चों ने सामूहिक परिचर्चा के माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं को प्रस्तुत किया।
विद्यालय के कोषाध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता ने लोकमणिलाल के कर्मठ व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वो सच्चे देशप्रेमी, आध्यात्मिकता से जुडे़ हुए एवं शिक्षा के प्रति समर्पित महापुरुष थे।
बच्चों के सृजनात्मकता की प्रशंसा करते हुए विद्यालय की सचिव प्रोफेसर कृष्णा गुप्ता ने कहा कि छात्रों का सर्वांगीण विकास ही हमारे संस्थापक का स्वप्न था, तभी एक उन्नत समाज एवं राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज के दिन बच्चे संकल्प ले कि वे एक चरित्रवान् नागरिक बनेंगें और हमारे संस्थापक के स्वप्न को साकार करेंगें।
विद्यालय की प्रधानाचार्य अल्पना डे ने बच्चों को उद्बोधित करते हुए कहा कि संस्थापक दिवस की सार्थकता तभी संभव है जब हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुकरण करें एवं उच्च मानवीय मूल्य का निर्वहन् करते हुए एक चरित्रवान् नागरिक बने। इन्हीं सुविचारों के साथ प्रधानाचार्य ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का समापन हुआ।