महर्षि दुर्वासा आश्रम ककरा में किसानों ने औषधीय खेती के बारे में ली जानकारी

प्रयागराज। महर्षि दुर्वासा आश्रम ककरा में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में इलाके के किसानों ने औषधीय खेती – किसानी के गुर सीखे। विषय विशेषज्ञों ने उन्नत फसल उत्पादन से लेकर बेहतरीन कृषि प्रबंधन की विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के वित्तीय सहयोग द्वारा सीएसआईआर केंद्रीय औषधीय संगंध पौधा संस्थान लखनऊ (सीमैप) की तरफ से समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर कृषि विशेषज्ञों के अलावा बड़ी तादाद में किसान जुटे। किसानों को सलाह दी गई कि परंपरागत खेती के बजाय किसान बदलती जरूरत के हिसाब से अब खेती बागवानी करें ताकि भरपूर लाभ मिल सके। खास बात यह रही कि किसानों ने कृषि संबंधित दिक्कतों का जिक्र किया तो विषय विशेषज्ञों ने सिलसिलेवार उनके निदान भी बताए। बतौर मुख्य अतिथि बीएसआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉo विनय रंजय ने गंगा के तटीय क्षेत्रों में औषधि एवं औषधीय महत्व वाले सगंध पौधों के उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगा में बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इसके अलावा औषधीय खेती से बेहतर अतिरिक्त आमदनी भी होगी। सीमैप के मुख्य वैज्ञानिक डॉo बीरेंद्र कुमार ने प्रयागराज जिले के चिन्हित गंगा ग्रामों के उत्थान एवं सुंदरीकरण के लिए राष्ट्रीय पादप बोर्ड द्वारा चलाई जा रही परियोजना के बारे में जानकारी दी। संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉo राजेश कुमार वर्मा ने तुलसी, सुगंधित घासों की विभिन्न प्रजातियों की खेती और इससे संबंधित कृषि प्रौद्योगिकी के विषय में विस्तार से जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर राकेश कुमार ने औषधीय पौधों के विषय में चर्चा करते हुए बताया कि बदलते हालात को देखते हुए औषधीय पौधों की खेती करना जरूरी है। गंगा टास्क फोर्स प्रयागराज के जगदीश चौहान ने सीमैप द्वारा आयोजित जागरूकता शिविर की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि औषधि और सुगंध पौधों की खेती करना किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। वैज्ञानिक डॉo आरएस वर्मा, आरएएफ के कमांडेंट मनोज कुमार, विधि एवं सतर्कता विभाग के पुलिस अधीक्षक इरफान अंसारी ने भी विचार रखे। गंगा टास्क फोर्स की टीम का सराहनीय योगदान रहा। संचालन डॉo राकेश कुमार ने किया।

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