संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी स्थायी सीट के लिए भारत के दावे का बचाव करते हुए कहा कि अस्थायी सदस्यता का विस्तार करने से दोनों श्रेणी के सदस्यों के बीच मतभेद बढ़ जाएगा।
यूएनएससी को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा, भारत स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के विस्तार के पक्ष में है लेकिन सिर्फ अस्थायी श्रेणी में विस्तार करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। यह स्थायी और अस्थायी सदस्यों के बीच के अंतर को और भी अधिक बढ़ा देगा और यह चीज वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों के लिए उचित नहीं है। सुरक्षा परिषद की वर्तमान संरचना समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है। इसमें सुधार की तत्काल आवश्यकता है। कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र के 2015 के फ्रेमवर्क दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 122 में से 113 सदस्य दोनों मौजूदा श्रेणियों में विस्तार का समर्थन करते हैं। इसका अर्थ यह है कि दस्तावेज में 90 प्रतिशत से अधिक लिखित प्रस्तुतियां दोनों श्रेणियों की सदस्यता के विस्तार के पक्ष में हैं। फिर स्थायी सदस्यता का भी विस्तार क्यों किया जाना चाहिए।