भारतीय संविधान आमजन का दस्तावेज -प्रो हेरम्ब चतुर्वेदी

सर्वसमावेशी समाज की स्थापना में डॉ अंबेडकर का योगदान महत्वपूर्ण-प्रो सीमा सिंह
प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में गुरुवार को भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर सामाजिक न्याय की पाश्चात्य एवं सनातन परंपराएं- ऐतिहासिक विश्लेषण पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर हेरम्ब चतुर्वेदी, पूर्व संकायाध्यक्ष, कला संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा धर्म में निहित है। उन्होंने सत, चित् तथा आनंद की परिकल्पना को तार्किक ढंग से व्याख्यायित करते हुए कहा कि सनातन की संकल्पना व्यक्ति के विचार एवं व्यवहार के सम्यक संतुलन में दृष्टिगत होनी चाहिए । इस संदर्भ में उन्होंने गीता रहस्य जैसे संदर्भों का भी उल्लेख किया। प्रोफेसर चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ अम्बेडकर कृत भारतीय संविधान आमजन का दस्तावेज है, जिसमें सामाजिक एवं आर्थिक न्याय का समुच्चय है। डॉ अम्बेडकर का सपना था कि समतामूलक समाज की स्थापना हो, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिले।
अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि डॉ अम्बेडकर प्रकांड विद्वान एवं विधिवेत्ता के साथ ही समाजशास्त्री भी थे। उन्होंने समाज हित में कई कार्य किए, जिससे सामाजिक परिवर्तन आया और सर्व समाज की उन्नति हुई। उन्होंने अपना जीवन आमजन के लिए समर्पित कर दिया। डॉ अम्बेडकर ने लेखन के जरिए समाज में नवीनता का संचार किया।  डॉ अम्बेडकर संविधान शिल्पी के साथ ही समाज सुधारक  एवं मानव विज्ञानी थे। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि सर्वसमावेशी समाज की स्थापना में डॉ अंबेडकर का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उनका व्यक्तित्व तथा कृतित्व समाज के लिए प्रेरणादायी है।
वेबीनार के प्रारंभ में मुख्य अतिथि प्रोफेसर चतुर्वेदी तथा कुलपति प्रोफेसर सिंह का स्वागत संयोजक प्रोफेसर एस कुमार ने किया। संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर डॉ दिनेश सिंह, डॉ सतीश जैसल, डॉ सुनील कुमार, डॉ सुरेंद्र कुमार, डॉ अभिषेक सिंह, डॉ आरपी सिंह आदि उपस्थित रहे। ऑनलाइन व्याख्यान में  विभिन्न विद्याशाखाओं के निदेशक, शिक्षक,छात्र एवं विश्वविद्यालय के सभी क्षेत्रीय केन्द्रों के समन्वयक गण आदि की वर्चुअल सहभागिता रही।
इससे पूर्व कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह तथा अन्य शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।

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