उत्तर मध्य रेलवे ने भी की वर्ष की दमदार शुरुआत शैली और प्रारंभिक माल लदान में दर्ज की 18.92% की वृद्धि
गति को पूरे वित्तीय वर्ष में बनाए रखने की है जरूरत: महाप्रबंधक
प्रयागराज। ज्ञात हो कि, भारतीय रेल ने वर्ष 2021-22 में माल लदान में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया था। उसने पिछले वर्ष की गति को अप्रैल ’22 के महीने में आगे बरकरार रखा है। भारतीय रेल ने अप्रैल, 21 में पिछले सर्वोत्तम आंकड़ों यानी 111.64 मिलियन टन की तुलना में 10.5 मिलियन टन (9.5% की वृद्धि) की इंक्रीमेंटल लोडिंग के साथ 122.2 मिलियन टन प्रारंभिक माल लदान दर्ज किया है। इस उपलब्धि के साथ, भारतीय रेल ने लगातार 20 महीनों के लिए अब तक के सबसे अच्छे मासिक आंकड़े दर्ज किए हैं और सितंबर 2020 में शुरू हुआ रुझान हर महीने के साथ मासिक माल लदान के नए रिकॉर्ड के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। अप्रैल’21 में बुक 62.6 बिलियन एनटीकेएम की तुलना में 17.7% की वृद्धि के साथ अप्रैल’22 में भारतीय रेलवे के माध्यम से 73.7 बिलियन एनटीकेएम बुक किए गए ।
इस वृद्धि को कोयले में 5.8 मिलियन टन की इंक्रीमेंटल लोडिंग, खाद्यान्न में 3.3 मिलियन टन और उर्वरकों के 1.3 मिलियन टन की वृद्धि हुई है। इस्पात संयंत्रों (लौह अयस्क सहित) और तैयार इस्पात के लिए कच्चे माल को छोड़कर, सभी वस्तुओं ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में वृद्धि दर्ज की है। प्रतिदिन लोड किए जाने वाले वैगनों के मामले में भी 9.2% की वृद्धि हुई है और भारतीय रेल ने पिछले वर्ष अप्रैल महीने में 60434 वैगनों की तुलना में प्रति दिन 66024 वैगन लोड किए हैं।
उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले वर्ष की अप्रैल 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 के दौरान प्रारंभिक माल लदान में 18.92% की वृद्धि दर्ज की है। उत्तर मध्य रेलवे ने अप्रैल 2022 के दौरान 1.76 मिलियन टन की लदान दर्ज की है। उत्तर मध्य रेलवे ने माल लदान आय में 22.77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और प्रारंभिक माल लदान से. अप्रैल 2022 में रु 175.86 करोड़ आय अर्जित की है।
देश में आर्थिक गतिविधियों के पुन: गति पकड़्ने और आयातित कोयला आधारित उत्पादन में कमी (कोयले की उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण) के कारण घरेलू कोयले की मांग में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। इसको रेलवे लगातार पूरा कर रहा है। यह इस बात से स्पष्ट है कि 21 सितंबर से 22 मार्च के बीच भारतीय रेलवे ने बिजली घरों में कोयले की लदान में 32 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह अप्रैल में भी जारी है और समग्र कोयला लोडिंग ने अप्रैल ’22 के दौरान एक स्वस्थ वृद्धि दर्ज की है, जिसमें भारतीय रेल लॉग लीड के लिए अधिक कोयला (घरेलू और आयातित दोनों) लोड कर रही है और इस प्रकार उच्च एनटीकेएम बुक कर रही है।
अप्रैल’21 की तुलना में अप्रैल ’22 में कोयले की लदान में 11% की वृद्धि हुई है, जिसमें लीड में 9% और NTKM(नेट टनेज कीलोमीटर)* में 20% से अधिक की वृद्धि हुई है। अप्रैल 22 में बिजली घरों के लिए घरेलू कोयले की लदान भी 18.8% की हुई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि उत्तर मध्य रेलवे, जो भारतीय रेल मार्गों पर माल लदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और पूर्वी भारत में खदानों से उत्तर भारत में थर्मल पावर स्टेशनों को कोयले की सुचारू और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करके बिजली उत्पादन में योगदान देता है। ज़ोन सामान्य रूप से प्रतिदिन 30 से 32 कोयला रेक ले जाता रह है, वर्तमान में अत्यधिक गर्मी के कारण भारी बिजली उत्पादन की मांग को देखते हुए बढ़ी हुई कोयले की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 40 से 42 रेक परिवहित कर रहा है। इन कोयला रेक के परिवहन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति में कोई परिचालन देरी न हो।
उत्तर मध्य रेलवे के माल लदान सुधार में प्रमुख योगदानकर्ता खाद्यान्न, पीओएल, कंटेनर लोडिंग हैं। इस संबंध में बोलते हुए महाप्रबंधक/उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रयासों को जारी रखें और पूरे वित्तीय वर्ष में गति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें।