हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस साल यह व्रत 02 जून 2024 को किया जा रहा है। अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हर एकादशी की तरह यह एकादशी भी श्रीहरि नारायण को समर्पित होती है।इस दिन जो भी व्यक्ति पूरे भक्तिभाव से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है। उसके सभी दुख दूर होते हैं औऱ सौभाग्य में वृद्धि होती है। तो आइए जानते हैं कि अपरा एकादशी को क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए।
क्या करें
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करें।
इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
अपरा एकादशी की व्रत कथा करने से जातक के जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस दिन तुलसी पूजा का भी विधान है।
इस दिन दोपहर और शाम को सिर्फ एक बार ही भोजन करना चाहिए।
अपरा एकादशी के मौके पर श्रीहरि विष्णु का चंदन से श्रृंगार करना चाहिए।
एकादशी तिथि पर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।
क्या न करें
इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
अपरा एकादशी के दिन तामसिक भोजन न करें।
इस दिन आलस्य से बचना चाहिए।
किसी भी व्यक्ति पर क्रोध न करें।
अपरा एकादशी के दिन सोने से बचें।
इस दिन नाखून और बाल आदि नहीं काटने चाहिए।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ जय विष्णु:
ॐ नमो नारायणाय:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
ॐ नमो भगवते हृषीकेशाय नमः:
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥: