बोले जेपी नड्डा- पेशेवर और वैज्ञानिक होगी जांच, कोई भी नहीं है कानून से ऊपर

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा की ‘पेशेवर और वैज्ञानिक’ जांच की जाएगी और इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ‘कोई भी कानून ऊपर नहीं है। एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा की घटना को चुनाव के नजरिये से नहीं बल्कि मानवता के नजरिये से देखा जाना चाहिए। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना पर कहा कि कानून अपना काम करेगा।

कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। इस मामले में एक एसआइटी का गठन किया गया है। सर्वश्रेष्ठ पेशेवर और वैज्ञानिक जांच की जाएगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे की कथित संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर नड्डा ने कहा कि न तो भाजपा और न ही उसकी सरकार इस तरह की किसी गतिविधि का समर्थन करती है जहां कानून हाथ में लिया जाता है।

लखीमपुर खीरी कांड पर बोले जेपी नड्डा- पेशेवर और वैज्ञानिक होगी जांच, कोई भी नहीं है कानून से ऊपर

Publish Date:Sat, 09 Oct 2021 08:58 AM (IST)Author: Monika Minal

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लखीमपुर खीरी कांड की जांच के लिए पेशेवर और वैज्ञानिक तरीका अपनाने पर जोर दिया और कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं हिंसा करने वालों पर होगी कार्रवाई।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा की ‘पेशेवर और वैज्ञानिक’ जांच की जाएगी और इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ‘कोई भी कानून ऊपर नहीं है। एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा की घटना को चुनाव के नजरिये से नहीं बल्कि मानवता के नजरिये से देखा जाना चाहिए। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना पर कहा कि कानून अपना काम करेगा।

कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। इस मामले में एक एसआइटी का गठन किया गया है। सर्वश्रेष्ठ पेशेवर और वैज्ञानिक जांच की जाएगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे की कथित संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर नड्डा ने कहा कि न तो भाजपा और न ही उसकी सरकार इस तरह की किसी गतिविधि का समर्थन करती है जहां कानून हाथ में लिया जाता है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विरोध का एक नया चलन सामने आ रहा है, जो चिंता का विषय है। हमें इस पर विचार करने की आवश्यकता है। कई घटनाएं हो रही हैं। मैं इस घटना (लखीमपुर खीरी हिंसा) के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। मैं सामान्य चर्चा कर रहा हूं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हम सिस्टम पर कितना दबाव बना सकते हैं। इस पर विचार करने की जरूरत है।तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर सवालों के जवाब में, नड्डा ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की और आगे की बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखे लेकिन कुछ नहीं हुआ। यह आंदोलन किसलिए है। जब कृषि कानूनों का कार्यान्वयन 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है और हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं तो इस आंदोलन का क्या तुक है।

Related posts

Leave a Comment