450 अंक की दो घण्टे की होगी लिखित परीक्षा फिर होगा इण्टरव्यू
पारदर्शिता के साथ बदलाव जरूरी – डा आरपी वर्मा
प्रयागराज। उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर भर्ती के पहले नियम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रस्ताव भी तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। इसके तहत अब प्रधानाचार्य की भर्ती के लिए पहले लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। लिखित परीक्षा में सफल घोषित होने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल होने का मौका मिलेगा। जिसके बाद इंटरव्यू में सफल घोषित अभ्यर्थियों का अंतिम रुप से चयन किया जाएगा। इस दौरान अभ्यर्थियों को किसी तरह का कोई वेटेज नहीं दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को वरिष्ठता क्रम, पीएचडी, एमएड के साथ अन्य किसी प्रकार का कोई वेटेज भर्ती में नहीं दिया जाएगा। चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं शिक्षाविद और राजकीय डिग्री कालेज गोसाई खेडा के हिन्दी विभागाध्यक्ष डा आरपी वर्मा का कहनाहै कि प्रधानाचार्य भर्ती मे पारदर्शिता के साथ बदलाव बहुत जरूरी है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव / परीक्षा नियंत्रक नवल किशोर की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों पर भर्ती के लिए 450 अंकों की लिखित परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा में 125 प्रश्न पूछे जाएंगे। दो घंटे की लिखित परीक्षा कराई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्य के 2000 पदों अधियाचन भी आ चुका है। शासन की हरी झंडी मिलते ही जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शासन की मंजूरी मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर देगा।
गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति करता है। दोनों ही पदों की भर्ती में ही लिखित परीक्षा कराई जाती है। इसी तर्ज पर संस्था प्रधान / प्रधानाचार्य की चयन प्रक्रिया को भी पारदर्शी,निष्पक्ष, त्रुटि और विवाद रहित रखने के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर चयन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के विशेष योग्यता के आधार पर दिए जा रहे वेटेज को भी समाप्त करने का फैसला लिया है। इस प्रस्ताव के आधार पर प्रधानाचार्य भर्ती की नियमावली में भी आवश्यक संशोधन किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के निवर्तमान सदस्य और वरिष्ठ शिक्षाविद डा दिनेशमणि त्रिपाठी का कहना है कि इससे योग्य और मेधावी अभ्यर्थियों का चयन होगा और युवा वर्ग को अधिक से अधिक मौका मिलेगा जिससे शिक्षण और प्रबंधन में व्यापक सुधार होगा। चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, शिक्षाविद और राजकीय डिग्री कालेज गोसाईं खेडा उन्नाव के एसोसिएट प्रोफेसर डा आरपी वर्मा का कहना है कि इस व्यवस्था का प्रस्ताव जब चयन बोर्ड में अध्यक्ष था तभी तैयार करवा दिया था लेकिन प्रदेश मे सरकार और चयन बोर्ड के अध्यक्ष बदलने से लागू नही हो पाया था। उन्होंने कहा कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष को सक्रिय होकर इसको शासन से मंजूर कराना होगा जिससे कि नयी व्यवस्था से शीध्र प्रधानाचार्य के रिक्त पदो पर भर्ती शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि चयन बोर्ड मे स्थायी कर्मचारी नही है जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। पूर्व अध्यक्ष डा आरपी वर्मा ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों के सौ रिक्त पदों पर भर्ती के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था।