असोथर थाने के गांव में भैयादूज के दिन सोमवार दोपहर चना का साग तोडऩे के लिए जंगल गई दो बहनों की क्रूरतापूर्वक आंखे फोड़कर हत्या कर दी गई और उनके पैर बांधकर सिंघाड़ा के तालाब के किनारे फेंक दिया गया। दोहरे हत्याकांड की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई। देर रात तक घटनास्थल पर पुलिस फोर्स मुस्तैद रहा।
नुकीली वस्तु से फोड़ी गई बहनों की आंखें
एक गांव निवासी धोबी की दो बेटियां दोपहर को घर से निकलकर खेत में चने का साग तोडऩे गई थी। देर शाम तक जब सगी बहनें घर नहीं आईं तो स्वजन ने उनकी खोजबीन शुरू की। देर शाम स्वजन व ग्रामीण सिंघाड़ा बोए तालाब के पास पहुंचे तो वहां पर सगी बहनों के शव आस-पास पड़े हुए थे। ग्रामीणों की मानें तो दोनों बहनों की आंखें किसी नुकीली वस्तु से फोड़ी गईं थी क्योंकि खून बह रहा था। उसके साथ ही दोनो के पैर बंधे हुए थे।ग्रामीणों की सूचना मिलते ही एसओ रणजीत बहादुर सिंह मौके पर पहुंचे और शवों को बरामद किया। एसओ का कहना था कि पानी में डुबो-डुबोकर हत्या करने का मामला प्रतीत हो रहा है।बेसुध मां ने बताया कि एक बेटा व चार बेटियां हैं जिसमें दिवंगत बेटियां घर की दुलारी थी। प्राइमरी पाठशाला में बड़ी बेटी कक्षा चार व छोटी बेटी कक्षा दो में पढ़ती थी। हृदय विदारक घटना से वह टूट सी गई हैं। मामले पर चाचा ने कहा कि उनके परिवार में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, दोनो बेटियों की आंख जिस बेरहमी से फोड़ी गई है उससे यही लग रहा है कि दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। वे बोले कि हत्या करने का दूसरा कोई कारण हो ही नहीं सकता। आरोपिताें के नाम उजागर करने और गिरफ्तारी की मांग के बीच पुलिस ने शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया तो ग्रामीणों की पुलिस से झड़प हो गयी। पुलिस ने सख्ती से पेश आते हुए दोनों को शवों को थाने पहुंचा दिया है। सोमवार की देरशाम शवों के मिलने की सूचना से गांव वाले जमा हो गए। प्रधान और चौकीदार की सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने दिवंगत बेहटियों स्वजन को ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है।