प्रयागराज । अवधनामा शहर में खुल रहा है जिसका उद्घाटन आज है। मुह में
पानी ला देने वाला मुगलई खाना जिसके आयुर्वेदिक फायदे हमारे शरीर को स्वस्थ रखेगें।
अवधनामा की खासीयत सन 1746 में वनाया गया अवघ इलाका जिसमें
इलाहाबाद, लखनऊ और फैजाबाद जैसे बड़े और मशहूर शहर आते थे, पूरी दुनिया में अपने जायके और स्वाद के लिए चर्चित है । मजलिसी कवाब, दम विरयानी, निहारी और शाही।
कोरमा से स्वादिष्ट और लजीज पकवान अवधी अन्दाज में अपने मेनू में पेश करके अवधनामा सदियों से चले आ रहे अवधी अन्दाज के खाने को प्रयागराज वासियों तक पहुंचना चाहता है।
मुगलई कला, आरकिटेकचर और खाना हमारी भारतीय संस्कृति में कुछ इस तरह मिला।
हुआ है जैसे पाने में शक्कर। अवधी नवाव जिन्हे मसालेदार और लज़ीज पकवानो का शौक था । उन्होने अरब और फारस के मशहूर वावरची हिन्दुस्तान बुलाये जिनका स्वाद और पकाने
का अन्दाज आज भी हमारे देश में पाया जाता है। मशहूर पकवान जैसे के शाही कोरमा, दम
बिरयानी और कबाब में दूध, दही और जड़ी बुटियों का इस्तेमाल करके उन्हें खुशबुदार
स्वादिष्ट और शरीर के लिये फायदेमन्द बनाया गया जिसमे शाही खानसामा की मदद उस
वक्त के शाही हकीम भी किया करते थे। खास मौको पे नवाबों के दस्तरखान में रखे गये
पकवानों में सोने और चान्दी के वरक का इस्तेमाल भी किया जाता था जो के खाने को पचाने
में फायदेमन्द होते थे।
अवधनामा में भी इस तौर तरीके को आगे बढ़ाने के लिये एक ऐसे खानसामा को बुलाया गया।
है जिनकी 3-4 पीढ़ियां अवधी खाना बनाने में माहिर है ।
श्रीमान अब्दुल सलाम कुरैशी जी जो पिछले 30 साल से दुनिया के अलग-अलग हिस्से
में हजारों तरह के पकवान बनाते आ रहे है, जो अब अवधनामें से जुड़कर प्रयागराज वासियों
को भी उसी सेहतमन्द और जायकेदार अवधी खाने की याद दिलाना चाहते है। श्रीमान अब्दुल
सलाम कुरैशी ने अपने 30 सालों के काम में मशहूर हस्तियां जैसे के अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश, हिन्दुतान के पूर्व प्रधानमंत्री श मनमोहन सिंह मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन,
शाहरूख खान और अनगिनत मशहूर हस्तियों को अपने हाथ के खाने का दिवाना बनाया है |
अवधनामा में प्रवेश करते ही मशहूर चित्रकार जावेद फनकार द्वारा बनाये गये इलाहाबाद हाईकोर्ट, इलाहाबाद युनिवर्सिटी और लखनऊ के हजरत महल के चित्र आपको कुछ घड़ी के
लिये इलाहाबाद से अवध ले जायेगे।