पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के क्षेत्र में चीनी घुसपैठ किसी से छुपी नहीं हैं, भारतीय सेना के बार-बार पीछे धकेलने के बावजूद चीन अपनी आदत से बाज नहीं आता है। लेकिन अब चीनी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत पूर्वी लद्दाख से सिक्किम तक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ड्रोन तैनात करेगा, जो 48 घंटे तक मिशन को अंजाम दे सकते हैं।
चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच, रक्षा सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर और सिक्किम के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में चीनी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्नत निगरानी क्षमताओं और लंबे समय तक टिके रहने वाले नए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। ताकि चीन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
उन्होंने कहा कि जहां एक स्क्वाड्रन (ड्रोन) पूर्वी लद्दाख सेक्टर के करीब तैनात होगा, वहीं दूसरा पूर्व में चिकन नेक सेक्टर के करीब होगा। साथ ही कहा कि भारतीय बलों को यह ड्रोन सैटेलाइट संचार लिंक के साथ मिले हैं और उनके सेंसर उनकी मौजूदा सूची से कहीं अधिक उन्नत हैं। सूत्रों ने कहा कि नए ड्रोन मारक क्षमताओं से लैस नहीं हैं, लेकिन उनके पास उन मानकों पर अपग्रेड किए जाने का विकल्प है।
भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र तक एलएसी के पार चीनी सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है और 2020 में गलवां क्षेत्र से शुरू होने वाले पूर्वी लद्दाख में चीनियों द्वारा एकतरफा घुसपैठ के बाद अपनी क्षमताओं को कई गुना बढ़ा लिया है।
भारत महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता पर भी काम कर रहा है, जिसके तहत सुरक्षा बल इस्राइल के हेरोन (मानवरहित एरियल वीकल) के अपने मौजूदा बेड़े को बेहतर संचार सुविधाओं और मिसाइलों के साथ अपग्रेड करना चाहते हैं, जो लंबी दूरी से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं।