निरंजन पुल के विस्तारीकरण कार्य को किया जा रहा प्राथमिकता पर

रेल प्रशासन निर्धारित से कम समय में पूरा करने का कर रहा प्रयास

इसके लिए बनाया गया है सभी विभागों से समन्वय

 

प्रयागराज ।  ज्ञात हो कि पुल सं. – 38 (निरंजन पुल) को विस्तारीकरण कार्य के लिए दिनांक – 09.05.2023 से कार्य समाप्ति तक 100 दिवस के लिय अस्थाई रूप से बंद किया है । यह पुल दिल्ली-हवाड़ा मुख्य मार्ग होने के साथ ही प्रयागराज को वाराणसी, लखनऊ के अलावा मुंबई, चेन्नई सहित  संपूर्ण पूर्वी ,  दक्षिण एवं पश्चिम भारत से जोड़ने का कार्य करता है।  दिनांक 12.05.2023 को  के विस्तारीकरण कार्य के संबंध में मीडिया प्रतिनिधियों  को बताते हुए अपर मंडल रेल प्रबंधक/सामान्य प्र्यागराज मंडल  संजय सिंह,  मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी  हिमांशु शेखर उपाध्याय एवं उप मुख्य अभियंता / निर्माण  जे एस तापड़िया ने विस्तार से जानकारी दी ।

उन्होंने बताया कि, इस रेल मार्ग पर निरंतर बढ़ते दबाव और प्रयागराज जं यार्ड के विस्तार के दृष्टिगत इस पुल के विस्तार की आवश्यकता काफी दिन से महसूस की जा रही थी। उन्होंने इस रेल मार्ग के महत्व को रेखांकित करने के साथ ही इस पुल के रेल परिचालन में रणनीतिक महत्व के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस पुल विभिन्न दिशाओं मे जा रही अप एवं डाउन गाड़ियों और यार्ड शंटिंग को समाहित करते हुए लगभग 250 ट्रेनें गुजरती है।  यह कहा जा सकता है कि इस पुल से प्रति 6 मिनट पर एक गाड़ी गुजर रही है इसमें प्रतिष्ठित वंदे भारत, राजधानी और महत्वपूर्ण सामान का परिवहन करने वाली माल गाड़ियॉ शामिल हैं।

इस पुल के विस्तारीकरण कार्य के अंतर्गत इसे 12.70 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इस पर दो नई लाइन बनेगी और इसके अलावा एक और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप एक अतिरिक्तलाइन का मार्ग खाली रखा जाएगा। इन दो नई लाइनों के निर्माण से प्रयागराज स्टेशन की प्रयागराज रामबाग के रास्ते वाराणसी एवं आगे की दिशा में वर्तमान एक लाइन के स्थान पर दो लाइनों की कनेक्टीविटी हो जाएगी। जिससे गाड़ियों को जंक्शन पर समानांनतर रूप से सीधे लेने एवं भेजने की सुविधा हो जाएगी। इसके अतिरिक्त एक अतिरिक्त शंटिंग लाइन मिलने से प्रयागराज जंक्शन यार्ड में होने वाला गाड़ियों का रिवर्सल सहित अन्य मूवमेंट भी सुचारु हो जाएगा और इससे प्रयाग के रास्ते लखनऊ को जोड़ने वाला मूवमेंट भी निर्बाध हो जाएगा। इससे आगामी कुंभ 2025 सहित भविष्य की आवश्यकताओं के लिए ट्रेनो की संख्या बढ़ाने में भी सहूलियत होगी।

इस  अवसर पर यह भी सूचित किया गया कि, यह कार्य प्रयागराज यार्ड रीमॉडलिंग के अंतर्गत आता है। यह बड़े प्रोजेक्ट जिसकी लागता लगभग 9 करोड़ है का छोटा किंतु महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें लगभग 1 करोड़ के खर्च का अनुमान है।  इस कार्य को करने के लिए सर्वप्रथम रेलवे विभाग द्वारा सभी विभागों जिला प्रशासन,  जलकल विभाग , नगर निगम , विद्युत विभाग एवं बी एस एन एल के प्रतिनिधियों के साथ समंवय स्थापित कर कार्य प्रारंभ किया गया है| इसमें किसी भी प्रकार से नगरवासियों को न्यूनतम असुविधा हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। इसमें सीवर के जल की निकासी और पेयजल और बिजली की निरंतर उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्ययोजना बना कर कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रेल प्रशासन का पूरा प्रयास है कि,  यह कार्य तय समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया जाए। इसके लिए उपलब्ध संसाधनों एवं मैनपॉवर को पुनर्नियोजित किया जा रहा है।  यद्यपि इसमें सड़क का मार्ग अवश्य बाधित हुआ है तथापि इससे बेहतर संपर्कता के कारण मिलने वाले भविष्य के फायदे नगर और क्षेत्र के लिए अगणित होंगे।

हमारी पूरी कोशिश है कि कम से कम असुविधा हो और निश्चित समय सीमा में कार्य संपन्न हो | रेल प्रशासन द्वारा सभी संरक्षा के बिन्दुओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है  |

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