शिनजियांग प्रांत में ही नहीं, विश्व के अन्य देशों में भी चीन एजेंटों के जरिये उइगरों पर अत्याचार कर रहा है। चीन ने एक उइगर जासूस को अपने मुताबिक काम न किए जाने पर सोमवार को इस्तांबुल मे्ं गोली से उड़वा दिया।
घटना के बाद उइगर मामलों के एक विशेषज्ञ ने यह बात उजागर की है। नार्वे में रहने वाले उइगर मामलों के विशेषज्ञ अब्दूवेली अयूप ने एक रेडियो को दिए साक्षात्कार में कहा है कि चीनी सरकार अपने नेटवर्क के जरिये पाकिस्तान, तुर्की और दुबई में भी उइगरों का उत्पीड़न कर रही है। उसने उइगरों के बीच अपने जासूस बना रखे हैं। अयूप ने बताया कि ऐसे ही जबरन बनाए गए एक उइगर जासूस यूसूफजान अमेट की इस्तांबुल में हत्या करा दी गई।
अयूप ने बताया वह मारे गए जासूस को कई सालों से जानता था। उसने ही उइगरों पर देश के बाहर हो रहे अत्याचारों के संबंध में पूरी जानकारी दी थी। चाइनीज अफेयर डिपार्टमेंट ऑफ द वर्ल्ड कांग्रेस के निदेशक ल्सट कोकबोरे ने कहा कि अन्य देशों में भी उइगरों पर अत्याचार के मामलों का सामने आना चौंकाने वाला है। इसका मतलब है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने देश में ही नहीं अन्य देशों में भी सक्रिय बनी हुई है।चीन ने शिनजियांग प्रांत के लाखों उइगर मुस्लिमों को कैंप्स में कैद कर रखा है। अमेरिकी मीडिया में जारी हुए कुछ दस्तावेज लीक हुए थे, जिनमें बताया गया था कि चीन ने शिनजियांग में पिछले तीन वर्षों में एक लाख या अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नजरबंदी शिविरों और जेलों में डाल दिया है। हालांकि, चीन नियमित रूप से इस तरह के दुर्व्यवहार से इनकार करता है और कहता है कि शिविर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।