नया रेस्टोरेंट खोलने के दौरान वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान

घर हो या बाहर किसी भी स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए वास्तु के नियमों का खास पालन करने की सलाह दी जाती है। वास्तु वह विज्ञान है, जो पंच तत्वों को कंट्रोल करने में मदद करता है। फिर चाहे व्यापार में मुनाफा कमाना हो, या नौकरी को सुचारू रखना हो।अगर आप भी नया रेस्टोरेंट खोलना चाहते हैं, तो आपको अच्छे मुनाफे के लिए वास्तु के नियमों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको आप नया रेस्टोरेंट बनवाते समय आजमा सकते हैं।

रेस्टोरेंट का मुख्य द्वार

जब भी रेस्टोरेंट के मुख्य द्वार की बात होती है, तो इस बात का ध्यान रखें कि मुख्य द्वार पूर्व या फिर उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, यह दिशाएं रेस्टोरेंट के मालिक के लिए धन और सौभाग्य लेकर आती हैं। साथ ही प्रवेश द्वार से पर्याप्त रोशनी रेस्टोरेंट के अंदर आनी चाहिए, जिससे कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सके।

रसोई की दिशा

रेस्टोरेंट की रसोई की दिशा के बारे में बात करें, तो किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। क्योंकि रसोई घर में यह गैस-चूल्हा रखने की सबसे शुभ दिशा है। रसोई के आसपास बाथरूम या टॉयलेट नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है और आपको नुकसान हो सकता है।

कैश काउंटर के लिए वास्तु

रेस्टोरेंट में पूर्व या उत्तर कोने में रिसेप्शन के पास कैश काउंटर को रखा जाना चाहिए। क्योंकि दोनों ही दिशाएं लेन-देन और धन के लिए सर्वोत्तम मानी जाती हैं। वहीं कैश काउंटर के पास किसी भी तरह के खंबे या बीम को रखने से बचें। इससे आपको नुकसान हो सकता है। क्योंकि अगर आप सही दिशा में कैश काउंटर नहीं रखते हैं, तो आपका लाभ की जगह नुकसान भी हो सकता है।

बैठने का स्थान

आप रेस्टोरेंट में हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर बैठने की व्यवस्था करें। क्योंकि हमारी संस्कृति में ग्राहकों की तुलना भगवान से होती है। ऐसे में यदि आप ग्राहकों के बैठने का सही स्थान नहीं रखते हैं, तो इसका सीधा असर आपके व्यापार में हो सकता है। इसके अलावा ग्राहकों से अच्छा व्यवहार करें।

वास्तु के अनुसार रेस्टोरेंट का बाथरूम

वास्तु नियमों के मुताबिक रेस्टोरेंट का बाथरूम रसोई के आसपास नहीं रखना चाहिए। सुनिश्चित करें कि बाथरूम की दीवारें रसोई की दीवारें न छुएं। उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में बाथरूम नहीं होना चाहिए। हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्टोर रूम बनवाना चाहिए। आपके रेस्टोरेंट के स्टोर रूम में आटा, अनाज या अन्य आवश्यक चीजों की कमी नहीं रखनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार दीवार का रंग

वास्तु के अनुसार, रेस्टोरेंट की दीवारों का रंग भी वास्तु के हिसाब से होना चाहिए। आप अगर दीवारों पर चटख रंग जैसे पीला, नीला, हरा, नारंगी और अन्य अनुकूल रंगों का चुनाव करेंगे, तो इसका ग्राहक के मन पर सकारात्मक असर पड़ता है और रेस्टोरेंट का माहौल भी पॉजिटिव होता है। साथ ही इससे आपके बिजनेस में भी लाभ होता है।

वास्तु अनुसार लगाएं पौधे

अगर आप अपने रेस्टोरेंट में कुछ पॉजिटिव पौधे लगाते हैं, तो आपको जीवन में इसका फायदा देखने को मिल सकता है। रेस्टोरेंट के भीतर यह पौधे ग्राहकों को आकर्षित करता है। वहीं आप ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए रेस्टोरेंट की खिड़कियों में प्राकृतिक फूल लगा सकते हैं।

वास्तु के अनुसार आप रेस्टोरेंट में एरेका पाम का पौधा रख सकते हैं। इसके अलावा रिसेप्शन पर मनी प्लांट का पौधा रखें। रेस्टोरेंट में कृत्रिम पौधे लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे आपके रेस्टोरेंट में निगेटिव एनर्जी आती है।

Related posts

Leave a Comment