कई जिलों में स्कूल न जाने वाले शिक्षक , शिक्षिकाएं अब फंसेगे, बीएसए की अवैध वसूली होगी बंद
मार्च के अंतिम हफ्ते से टैबलेट की विद्यालयों में शुरू होगी आपूर्ति – विजय किरन आनंद
प्रयागराज। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लाखों शिक्षक / शिक्षिकाओं को नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल 2023 से अब टैबलेट से हाजिरी लगानी होगी , इतना ही नहीं उनको विधालय और शिक्षण से जुडी सभी जानकारियों का विवरण भी टैबलेट से ही देना होगा अर्थात शिक्षक विद्यालय में कब पहुंचे, क्या शिक्षण चल रहा है, कितने बच्चे है, प्रार्थना हुई या नही, मध्यान भोजन के बाद और अंत में विद्यालय बंद करते समय की भी तस्वीरें खींचकर टैबलेट पर अपलोड करनी होगी। अब सबसे ज्यादा परेशानी उन शिक्षक / शिक्षिकाओं को होने जा रही है जो कभी भी विधालय में शिक्षण के लिए नही जाते है बल्कि उनके स्थान पर पांच हजार रूपये में बाहरी लोग पढाते है। ऐसे सबसे ज्यादा शिक्षक / शिक्षिकाएं जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, मऊ, सिद्धार्थ नगर, कौशांबी, बांदा, झांसी, जालौन सहित दर्जनभर जिले है जहा के बीएसए की मिलीभगत से तैनाती वाले शिक्षक शिक्षण नही करते है बल्कि संबंधित जिले के बीएसए और खण्ड शिक्षाधिकारी इसकी एवज में शिक्षकों से प्रतिमाह जमकर अवैध वसूली करते है।
बेसिक शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि प्रदेश के परिषदीय विधालयों में शिक्षक, शिक्षिकाओं की उपस्थिति और बच्चों एवं विभाग के बेहतर तालमेल कराने के लिए टैबलेट की शीध्र खरीद होने जा रही है। संभावना है कि मार्च के अंत तक टैबलेट की खरीद शुरू हो जाएगी।
डीजी ने बताया कि टैबलेट खरीदने का टेण्डर लगभग फाइनल हो गया है।
उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक / शिक्षिकाओं और छात्र – छात्राओं को भी अब मार्डन बनाया जा रहा है इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य शुरू हो गया है। उन्हें सीबीएसई के बच्चों की तर्ज पर शिक्षण और कंप्यूटर सहित अन्य जानकारियां विस्तार से दी जा रही है। स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण हो रहा है। उन्होंने बताया कि टैबलेट के विधालय में पहुंचने पर शिक्षक / शिक्षिकाएं जब सुबह विद्यालय पहुंचेंगे तो वह प्रार्थना के दौरान टैबलेट से तस्वीरें खींचकर सीधे बेसिक शिक्षा की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। डीजी ने बताया कि इतना ही नहीं इसके बाद वह बच्चों के व्यायाम, शिक्षण के दौरान, खाना खाते समय, खाना खाने के बाद, खेल की गतिविधियों और विद्यालय बंद होते समय की तस्वीरें भी खींचकर टैबलेट पर अपडेट करेंगे। उन्होंने बताया कि शासन से जो भी जानकारियां परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यो और शिक्षकों से मांगी जाएगा उसका विवरण भी उनको ऑनलाइन टैबलेट से देना होगा। टैबलेट पर उनको संबंधित ऐप डाउनलोड करके उस पर संबंधित जानकारी, फोटोग्राफ्स और विवरण को अपलोड करना होगा। इससे समय और श्रम दोनों बचेगा। शिक्षक एवं बच्चे भी टैबलेट से बहुत कुछ सीख सकेगे। डीजी विजय किरन आनंद ने बताया कि टैबलेट में इण्टरनेट चलाने और चार्ज करने के लिए भी व्यवस्था होगी। टैबलेट के खराब होने या किसी गडबडी को ठीक करने की जिम्मेदारी संबंधित फर्म की रहेगी ऐसे मे शिक्षकों के परेशान होने की कोई जरुरत नही है।