दीवाली आने वाली है, धनतेरस से दीपों के पर्व दीवाली की शुरूआत मानी जाती है और इस दिन खरीददारी का खास महत्व है। धनतेरस के दिन घर में लायी गयी चीजों से घर में सुख-समृद्धि होती है तो आइए हम आपको धनतेरस के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
जानें धनतेरस के बारे में रोचक बातें
दीपावली में पांच पर्वों की परंपरा है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन खरीदारी को शुभ माना जाता है जो सबके लिए सौभाग्यवर्धक होता है। इस दिन लोग अपनी-अपनी प्रिय चीजों की खरादारी करते हैं। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है। धनतेरस को धनवंतरी जयंती तथा धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
धनतेरस से गोत्रिरात्र व्रत की होती है शुरूआत
धनतेरस से ही तीन दिन तक चलने वाला गोत्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है। धनतेरस के दिन खरीददारी का अति विशिष्ट महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीज दिनों-दिन वृद्धि करती हैं। इसलिए लोग सोना, चांदी, कपड़े, बर्तन आदि चीजों की खरीददारी भी करते हैं।
धनतेरस के दिन पंचदेवों को पूजने की है परम्परा
धनतेरस के दिन न केवल भगवान धनवंतरि की बल्कि उनके साथ देवी मां लक्ष्मी, कुबेर, यम और भगवान गणेशजी की पूजा भी की जाती है। इनकी पूजा से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और भक्त के घर में वास करती है।
धनतेरस के दिन दीपदान से होता है लाभ
पंडितों का मानना है कि धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसलिए धनतेरस के दिन दीपदान अवश्य करें।
धनतेरस पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल पंडितों के अनुसार धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय 10 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक है।
धनिया खरीदना होता है शुभ
वैसे तो धनतेरस के दिन सोना खरीदने की परम्परा है। परन्तु पंडितों के अनुसार पीतल का बर्तन, पीली कौड़ियां और धनिया खरीदना भी होता है लाभकारी । कहा जाता है कि इस दिन धनिया खरीदना बहुत ही शुभ होता है।
धनतेरस पर 13 संख्या का महत्व
शास्त्रों के अनुसार धन अर्थात समृद्धि और तेरस मतलब तेरह दिन, धनतेरस का पर्व धन और स्वास्थ्य से जुड़ा है। इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करने पर, खरीदारी करने से धन और उस वस्तु में 13 गुना वृद्धि होती है। वहीं भगवान धनवंतरी की उपासना से स्वास्थ्य में तेरह गुना लाभ मिलता है। इसलिए इस दिन 13 की संख्या शुभ मानी जाती है।
धनतेरस पर 13 की संख्या में करें ये उपाय
13 कौड़ियां- धन लाभ के लिए धनतेरस पर प्रदोष काम में 13 कौड़ियां हल्दी में रंगकर मां लक्ष्मी और कुबेर देवता को पूजा में चढ़ाएं और फिर रात्रि में इन कौड़ियों को घर के अलग-अलग कोने में गाड़ दें। पंडितों के अनुसार इससे घर में बरकत का वास होता है लक्ष्मी आकर्षित होती है। धन की कमी नहीं होती है।
13 दीपक- धनतेरस से दीपोत्सव शुरू हो जाता है। इस दिन शाम के समय 13 की संख्या में दीप जलाएं और इन्हें घर और बाहर आंगन में रख दें। ये उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। इससे नौकरी और व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है। घर में मौजूद नकारात्मकता ऊर्जा का नाश होता है।
बर्तन में 13 धनिया- कहते हैं भगवान धन्वंतरी उत्पन्न हुए थे उनके हाथों में एक पीतल का कलश था इसलिए धनतेरस के दिन पीतल का बर्तन खरीदना काफी शुभ माना गया है. धनतेरस के दिन खरीदे गए बर्तनों में लोग अन्न, या धनिया आदि भरकर रखते हैं। पंडितों का मानना है कि इससे सदैव अन्न और धन के भंडारे भरे रहते हैं. इस दिन चांदी के बर्तन भी खरीदना शुभफलदायी होता है।
13 सिक्के– धनतेरस पर आमतौर पर लोग सोना-चांदी के आभूषण या सिक्के खरीदते हैं। ऐसे में इस दिन एक नया चांदी का सिक्का और जो पुराने कुछ सामान्य सिक्के हल्दी से रंगें और फिर उन्हें देवी लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें. कहते हैं इससे घर में लक्ष्मी जी ठहर जाती हैं। आर्थिक तंगी और कर्ज से शीघ्र छुटकारा मिल जाता है।
13 चीजों का दान- धनतेरस के दिन अन्न, वस्त्र, दीप, लोहा, नारियल, मिठाई आदि चीजों का दान करना अति शुभ होता है। इससे धन-संपदा में वृद्धि होती है। कहते हैं धनतेरस पर अगर इन चीजों को 13 की संख्या में दान किया जाए तो दुर्भाग्य कभी पास नहीं आता।
धनतेरस के दिन दान का है खास महत्व
धनतेरस के दिन खरीददारी के अलावा चीनी, बताशा, खीर, चावल, सफेद कपड़ा आदि चीजों का दान करना उत्तम फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन वस्तुओं को दान करने से धन की कमी नहीं होती है और जमा पूंजी बढ़ती जाती है। साथ ही धन अर्जित करने में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं।
प्रदोष काल
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और शाम 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, वृषभ काल भी संध्याकाल 05 बजकर 47 मिनट से लेकर 07 बजकर 34 मिनट तक है। धनतेरस तिथि पर दोनों ही काल में पूजा कर सकते हैं।
कब करें खरीदारी
पंडितों के अनुसार धनतेरस तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 06 मिनट के पश्चात हो रहा है। ये योग रात भर है। अतः इस योग में पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इससे पूर्व विष्कम्भ योग बन रहा है। इस योग में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अतः धनतेरस तिथि पर प्रदोष काल में खरीदारी कर सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो धनतेरस तिथि पर संध्याकाल 05 बजकर 05 मिनट के पश्चात खरीदारी कर सकते हैं।
धनतेरस की शाम दीया जलाना, होगा लाभकारी
धनतेरस की शाम को घर में एक दीया जलाएं और उसके पास में एक कौड़ी को रख दें इसके बाद कौड़ी को अपने पैसे रखने वाली जगह पर लाल कपड़े में लपेटकर रख दें। इस उपाय से घर पर पैसों की कभी कमी नहीं रहेगी।
चांदी के सिक्के और हल्दी की गांठ की करें पूजा
धनतेरस पर चांदी के सिक्के और हल्दी की गांठ की पूजा करने से जीवन में सफलता मिलती है। इस उपाय को करने से राह में आ रहीं आर्थिक बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
धनतेरस के दिन किन्नरों का लें आशीर्वाद
धनतेरस के दिन को शुभ बनाने के लिए आप किसी किन्नर के हाथों से पैसे लेकर अपने पर्स में रख लें। इससे आपको जिंदगी में बहुत सफलता मिलेगी। कहा जाता है कि इस दिन यह उपाय करने से आपके पास जीवन में कभी धन की कभी नहीं होगी।
श्रीयंत्र की पूजा करना होगा फलदायी
धनतेरस और दिवाली पर श्रीयंत्र की पूजा करने से जीवन में कभी भी पैसों की तंगी नहीं रहती है। श्रीयंत्र की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और वैभव का आगमन होता है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।