मां दुर्गा को पंच देवों में से एक माना जाता है। बताया जाता है कि जो भी जातक आस्था पूर्वक मां दुर्गा की पूजा करते हैं। उनका दुर्भाग्य दूर होता है और भाग्य जाग उठता है। वहीं जो व्यक्ति विधि-विधान और मंत्रों सहित मां दुर्गा की पूजा करता है। उन्हें हर तरह का सुख प्राप्त होता है और व्यक्ति की मुसीबतें दूर होती है। बता दें कि कुछ लोगों की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह दोष होते हैं, जिसके कारण उनको कड़ी मेहनत के बाद भी मनमुताबिक सफलता नहीं मिल पाती है।
इन लोगों की आर्थिक स्थिति खराब रहती हैं और धन की कमी बनी रहती है। ऐसे में इन लोगों को मां दुर्गा का पूजन जरूर करना चाहिए। हांलाकि मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दुर्गा पूजा करने वाले जातकों को अधर्म से बचने के साथ ही किसी तरह के गलत कार्य नहीं करने चाहिए। उन्हें बुरे विचारों से दूर रहना चाहिए। स्त्री का सम्मान करने वाले जातकों की पूजा मां दुर्गा फौरन स्वीकार करती हैं।
जो जातक मां दुर्गा की विधि-विधान और श्रद्धापूर्वक पूजा करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वहीं ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखने से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इन जातकों को शुक्रवार को कन्या पूजन और धन का दान करना चाहिए। वहीं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर पूजाघर में घी का दीपक जलाएं।
इस मंत्र का करें जाप
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा के साथ ही ‘ऊँ हृीं दुं दुर्गायै नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। कुश या फिर चटाई के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है। इस मंत्र के जाप के लिए आप तुलसी या चंदन की माला का उपयोग करना चाहिए। ऐसे में आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। फिर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। वहीं आप चाहें तो शाम को भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। शाम के समय पश्चिम दिशा में मुख करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का कम से कम 40 दिन तक जाप करना चाहिए। इस तरह से पूजा करने पर आपको सोया हुआ भाग्य जाग जाएगा।
मिलेगा भाग्य का साथ
बता दें कि मां दुर्गा की पूरे मनोयोग से प्रार्थना करनी चाहिए। आप चाहें तो शुक्रवार के दिन से एक प्रयोग भी शुरू कर सकते हैं। इसके लिए शुक्रवार की सुबह स्नान आदि कर ताजी रोटी लेकर मां दुर्गा के मंदिर जाएं। फिर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने खड़े होकर वह रोटी अपने सिर से 21 बार वार लें। इस दौरान आपको ‘ऊँ दुर्भाग्यनाशिनि दुं दु्र्गायै नम:’ मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना है। इसके बाद मां के सामने रोटी रखकर दीपक जलाएं और विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करें। फिर यह रोटी किसी कुत्ते को खिला दें। बताया जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य खत्म होता है और किस्मत जाग उठती है।