2 लाख शिक्षकों का कटा है एक दिन का वेतन,सर्विस होगी ब्रेक
28,000 से ज्यादा है कोर्ट में शिक्षकों के मामले लंबित
14 वर्ष से लाखों परिषदीय शिक्षकों की नही हुई है पदोन्नति
माह में 20 दिन बैठने का दिया है निर्देश : डीजी विजय किरन आनंद
प्रयागराज। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल तीन वर्ष से प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। अगर कार्यालय महीने में एकाध या दो बार आते भी है तो वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के कंटेम्प्ट मामलों में हाजिर होकर अपना पक्ष रखते है। सचिव बेसिक शिक्षा के कार्यालय में पर्याप्त समय न देने से लाखों शिक्षकों, कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण नही हो पा रहा हैं। वह लोग कार्यालय का चक्कर लगाकर वापस चले जाते हैं जबकि 12 लाख से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं का एक दिन का वेतन काटा हुआ है। इतना ही नही बल्कि लाखों शिक्षकों की पदोन्नति 14 वर्ष से नही हुई है। पदोन्नति और तबादले से संबंधित हजारों मामले हाई कोर्ट में लंबित है लेकिन उनका निस्तारण नही हो पा रहा है जिससे शिक्षक, शिक्षिकाएं और कर्मचारी परेशान होकर सचिव बेसिक शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगा रहे है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। उधर, इस मामले में प्रदेश के महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद का कहना है कि सचिव बेसिक शिक्षा को महीने में 20 दिन बैठने के लिए कार्यालय में निर्देश दिया गया है। वह किस कारण से कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं इस मामले की जांच होगी और उनके खिलाफ सख्त कारवाई होगी।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज प्रताप सिंह बघेल है। इनकी मूल रूप से तैनाती संत कबीर नगर जिले के डायट प्राचार्य पद पर हुई है। प्रताप सिंह बघेल को दो जुलाई 2020 से प्रभारी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह कार्यालय में करीब तीन वर्ष से बैठ नही रहे हैं न ही शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण पर जोर ही दे रहे है । इलाहाबाद हाईकोर्ट में पर्सनल अपीरियंस के मामलों की सुनवाई के दौरान ही वह प्रयागराज स्थित सचिव बेसिक शिक्षा परिषद आते है। उस दौरान वह एक या दो घंटे बमुश्किल कार्यालय में बैठते हैं। इस दौरान सिर्फ हाई कोर्ट से संबंधित मामलों के निस्तारण में लगे रहते हैं। इस दौरान वह शिक्षकों से संबंधित समस्याओं पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं । इससे समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। प्रतिदिन हजारों शिक्षक ,शिक्षिकाएं और कर्मचारी वेतन भुगतान, पदोन्नति, तबादले, वेतन कटौती, सीसीएल सहित अन्य समस्याओं के
निस्तारण के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज कार्यालय का चक्कर लगाते हैं और अंत में वह निराश होकर शाम को घर वापस चले जाते हैं। इसमें चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली , अमेठी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बस्ती , अयोध्या, गोरखपुर, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर जिला ही नहीं बल्कि मेरठ, मुजफ्फरनगर ,बरेली, पीलीभीत, हरदोई, बिजनौर, बलिया सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी आते हैं और शाम तक निराश होकर चले जाते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक के सभी पूर्व सचिव बेसिक शिक्षा इन्द्र पाल शर्मा रहे हो या संजय सिन्हा रहे हो, या विजय शंकर मिश्रा रहे हो या श्रीमती रूबी सिंह रही हो , लेकिन यह अफसर प्रयागराज स्थित कार्यालय में बैठेते थे और शिक्षकों, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों की समस्याओं को सुनकर उसका त्वरित निस्तारण करते थे। इतना ही नहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट हो यालखनऊ हाईकोर्ट से संबंधित जो भी मामले थे उनका भी त्वरित निस्तारण करने में लगे रहते थे और कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर गंभीर रहते थे।
इस मामले में पूछने पर प्रदेश के बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों के कोर्ट के जो भी मामले या समस्याएं रहती है उनका त्वरित निस्तारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सचिव बेसिक शिक्षा किस कारण से कार्यालय में बैठ नही पा रहे हैं इसके लिए उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों की जो भी समस्याएं हैं उसका त्वरित निस्तारण होगा।
शिक्षा विभाग में दो दर्जन से ज्यादा है बेहतर पीईएस अफसर
प्रयागराज । शैक्षिक संवर्ग (पीईएस) में तीन दर्जन से ज्यादा ऐसे बेहतरीन और अच्छे अफसर है जो विभाग को बहुत ही बढ़िया तरीके से चला रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी बात है कि शासन और शासन में बैठे अफसर उन बेहतरीन अफसरों को सचिव और निदेशक जैसे पदों की जिम्मेदारी क्यों नहीं सौप रहे है। इस समय सचिव बेसिक और सचिव यूपी बोर्ड एवं निदेशक बेसिक शिक्षा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण पद सूबे मेंराम भरोसे चल रहे है। इसका खामियाजा लाखों शिक्षकों को भुगतना पड रहा है क्योंकि बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी उनकी समस्या का निस्तारण नही हो पा रहा है। शिक्षा विभाग के सबसे बेहतरीन अफसरों में अनिल भूषण चतुर्वेदी, विभा मिश्रा , नवल किशोर, विनोद कृष्ण, डॉ प्रदीप कुमार, राजेंद्र प्रताप, दिनेश सिंह, सीएल चौरसिया, प्रमोद कुमार, शिवलाल, कामताराम पाल, मनोज द्विवेदी, रामचेत, अशोक कुमार गुप्ता, विनय कुमार गिल, जगदीश शुक्ला सहित अन्य है।