प्रयागराज। महाकुंभ के मद्देनजर हुए निर्माण कार्यों के अब अंतिम भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे पहले मंडलायुक्त ने नगर निगम और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के कार्यों की जांच का आदेश दिया है। प्राधिकरण के ५९ कार्यों की जांच के लिए १२ टीमें गठित की गई हैं। वहीं निगम के ४४ कार्यों की जांच नौ टीमें करेंगी। इन्हें १० मई तक रिपोर्ट देनी है।
इन जांच टीमों की रिपोर्ट में क्या होगा यह तो १० मई के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन कई कार्यों की वर्तमान स्थिति काफी चिंताजनक है। कई सड़कें तीन महीने में ही उखड़ने लगी हैं तो नालियां को निकास नहीं दिया गया। कई अन्य तरह की खामियां भी हैं।मुट्ठीगंज में छोटा चौराहा से आर्य कन्या के बीच सड़क, नाली, पटरी सबकुछ उखड़ने लगी है। वहां काम भी पूरा नहीं हुआ है। जीटीबी नगर करेली मुख्य मार्ग से मस्तान मार्ग की तरफ जाने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। महात्मा गांधी मार्ग पर सीएवी इंटर कॉलेज के सामने सड़क धंस गई है। इसी तरह से सीएमपी डिग्री कॉलेज के सामने डॉट पुल चौराहे पर भी सड़क धंस गई है। उसमें गिट्टी डालकर बालू भर दिया गया है। इसी तरह से कई अन्य जगहों पर सड़क धंस गई है तथा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।प्राधिकरण ने सड़क चौड़ीकरण के साथ नालियां भी बनवाई हैं लेकिन मुश्किल यह कि उन्हें किसी बड़े नाले या सीवर लाइन से लिंक नहीं किया गया है। यानि, उनमें निकासी की व्यवस्था ही नहीं की गई है। शंकरलाल भार्गव मार्ग पर इसी तरह की गड़बड़ी को लेकर पार्षद किरन जायसवाल ने धरना भी दिया। महापौर गणेश केसरवानी की ओर से प्राधिकरण को लिखा गया लेकिन सुधार नहीं हुआ। अब तो प्लास्टिक तथा दूसरे तरह के कचरे से नाले भर गए हैं। नगर निगम की ओर से अब बारिश से पहले नालों की सफाई कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी क्रम में निगम की ओर से प्राधिकरण को ऐसे दो दर्जन से अधिक नालों की सूची सौंपी गई है, जिनमें निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है। पत्र में इन्हें ठीक नहीं कराए जाने पर बारिश के समय जलभराव की बात भी कही गई है। यह सूची मंडलायुक्त के पास भी भेजी गई है। नगर आयुक्त के इस पत्र के बाद भी नालों में कोई सुधार नहीं हुआ है।प्राधिकरण की ओर से शास्त्री ब्रिज का सौंदर्यीकरण कराया गया है। इस पर कुल २.३५ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके तहत वर्टिकल गार्डेन भी लगाया गया है। गार्डेन लगाने पर ही १.१३ करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए लेकिन महाकुुंभ आयोजन के दौरान ही पौधे सूख गए। मंडलायुक्त के निरीक्षण के बाद एजेंसी को फटकार लगाने के साथ सुधार की हिदायत दी थी। इसके बाद नए सिरे से बॉक्स एवं पौधे लगाए गए लेकिन अधूरे हैं। बड़े क्षेत्र में आधार तो तैयार कर दिया गया है लेकिन गमले एवं पौधे अब भी नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा बीच-बीच में पौधे सूखने भी लगे हैं।
महाकुंभ के काम अब अंतिम चरण में हैं। कुछ छूटा न रह जाए और कहीं किसी तरह की खामियां रह गई हैं तो उन्हें दुरुस्त करा लिया जाए। इसलिए २१ टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है। जांच में जहां भी कमी आएगी उन्हें ठीक कराया जाएगा। इसके बाद ही भुगतान किया जाएगा। पीडीए की ओर से बनाई गईं नालियों में निकासी की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी है। ऐसे नालों की सूची भी प्राप्त हुई है। इन नालियों की अलग से जांच कराई जा रही है। बारिश से पहले सभी नालियों से जल निकासी की व्यवस्था एवं सफाई सुनिश्चित की जाएगी। – विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त
तीन महीने में ही उखड़ीं महाकुंभ की सड़कें, जाम हुईं नालियां, कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
