डब्ल्यूएचओ प्रमुख बोले- कोविड की उत्पत्ति को खोजना नैतिक रूप से जरूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) के प्रमुख टेड्रोस अधनॉम घेब्रयेसस का कहना है कि कोविड-19 की उत्पत्ति की खोज एक नैतिक अनिवार्यता है। लिहाजा, इससे जुड़ी सभी परिकल्पनाओं की जांच की जानी चाहिए।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि अनजाने में चीनी प्रयोगशाला से वायरस के रिसाव के कारण दुनिया में महामारी फैली। इस आकलन के बाद से डब्ल्यूएचओ पर जवाब देने का दबाव बढ़ गया है। वहीं, बीजिंग लगातार इस संबंध में किसी भी तरह की जांच की मंजूरी देने से इन्कार कर रहा है। घेब्रयेसस ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, कोविड-19 की उत्पत्ति को समझना और सभी परिकल्पनाओं की खोज करना एक वैज्ञानिक अनिवार्यता है।

कोविड से जान गंवाने वाले लाखों लोगों की खातिर और भविष्य में ऐसे प्रकोपों को रोकने के लिहाज से यह एक नैतिक अनिवार्यता है। शनिवार को कोविड को महामारी धोषित किए तीन वर्ष पूरे हो गए। इस संबंध में दुनियाभर में मांग उठ रही है कि डब्ल्यूएचओ को ऐसी महामारियो को रोकने के उपायों पर जोर देना चाहिए।

वायरस को लेकर कई दावे
2021 में, डब्ल्यूएचओ की अगुवाई वाली एक टीम ने चीन के वुहान में और उसके आसपास कई सप्ताह खोजबीन की और बताया था कि वायरस शायद किसी अन्य जानवर के माध्यम से चमगादड़ों के जरिये मनुष्यों तक पहुंचा है, लेकिन एक के बाद एक इस तरह के दावे और सबूत सामने आए हैं कि वायरस के इंसानों में प्रसार मानवीय हस्तक्षेप की वजह से हुआ है।

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