जर्जर मकान का दीवार सहित छत गिरने से दो मजदूरो की दर्दनाक मौत

 प्रतापगढ़। जर्जर मकान को गिराये जाते समय हुई दुघर्टना मे एक साथ दो-दो मजदूरो की दर्दनाक मौत हो गयी। मजदूरो की मौत की घटना से परिजनों मे कोहराम मच गया। वहीं प्रशासन मे भी हादसे की जानकारी होते ही हडकंप मच गया। सीएचसी की सूचना पर मृतक मजदूरों का शव पुलिस ने पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेजवाया। इधर एसडीएम बीके प्रसाद ने घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के कारणो का जायजा लिया। सोमवार को कोतवाली लालगंज के डीहमंेहदी बाबूगंज मे जर्जर मकान को मजदूरी पर गिरवाया जा रहा था। यह मकान गांव के मो. जमा से कुछ वर्ष पहले नबाब हुसैन ने खरीदा था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे अचानक जर्जर मकान का हिस्सा टूटकर गिर गया। मलबे मे गांव के ही मजदूर विनोद सरोज पुत्र रामबहादुर 26 व मो. सलीम 30 पुत्र मो. याकूब की दबकर मौत हो गयी। मजदूरो के दबने को लेकर वहां काम कर रहे अन्य श्रमिक चीखपुकार करने लगे। आननफानन मे लोग मलबे के पास पहुंचे तो सलीम की सांस थम चुकी थी। वहीं गंभीर रूप से दोनो जख्मी मजदूर विनोद सरोज को सीएचसी लालगंज पहुंचवाया। यहां चिकित्सको ने विनोद को भी मृत घोषित कर दिया। सलीम मां-बाप का इकलौता पुत्र था। इसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि विनोद चार भाइयो मे दूसरे नंबर पर था। मजदूरो की मौत की जानकारी इनके घर पहुंची तो परिजनों मे कोहराम मच गया। तीन दिन पहले से चल रहे जर्जर मकान को गिराये जाने मे गांव के ही प्रदीप गौतम, बिटटू देवी, लल्लू गौतम, रामलाल, धर्मराज, हरीराम, गिरधारीलाल, ताड़कनाथ तथा हीरालाल जर्जर मकान को गिराने का काम कर रहे थे। मृतक मो. सलीम तथा विनोद दूसरी मंजिल पर जर्जर छत को तोड रहे थे। शेष नौ मजदूर नीचे मलबा साफ कर रहे थे। अचानक एक बड़ी दीवार छज्जे के हिस्से के साथ गिर गयी और साथ काम कर रहे दो मजदूर उसमे दबकर मौत के शिकार हो गये। मृतक विनोद सरोज अविवाहित था। घटना के बाद मां प्रभु देवी तथा भाई चीख चीखकर विलाप करने लगे। दूसरे मृतक मजदूर मो. सलीम पुत्र मो. याकूब के दो बच्चे है। इनमे पुत्र मो. हूद 02 तथा पुत्री जैशा 04 निराश्रित हो गयी। सलीम की पत्नी नाजरीन का भी घटना के बाद रो-रो कर बुरा हाल था। कोतवाल राकेश भारती भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया। इधर एसडीएम बीके प्रसाद ने घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे के बाबत डीएम को रिर्पोट भेजी है। पुलिस ने दोनो शवो का सीएचसी मे पंचनामा कराकर पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेजवाया। घटना को लेकर सीएचसी की ओर से पुलिस को इत्तेफाकिया सूचना दी गई। वहीं घटना को लेकर नबाब हुसैन का कहना है कि मकान मो. जमा का है और वह काम करा रहा था। जबकि मो. जमा की मौत हो चुकी है। उसके पुत्र हारून का कहना है, मकान पिता द्वारा नबाब हुसैन को अर्से पहले बेंच दिया गया है। मकान पर नबाब हुसैन का कब्जादखल भी हो चुका है।
 
दुर्घटना मे प्रशासनिक लापरवाही की भी रही चर्चा
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लालगंज, प्रतापगढ़। डीहमेंहदी मे सोमवार को मलबे मे दबकर दो मजदूरो की मौत की घटना मे प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आयी है। जर्जर मकानों के मरम्मत अथवा इनके ढहाये जाने को लेकर भवन स्वामियों द्वारा न तो तकनीकी राय ली जाती है और न ही मौके पर फायर बिग्रेड अथवा जेसीबी की तैनाती की व्यवस्था की ओर भी ध्यान नही दिया जाता। दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर जान जोखिम मे डालकर भगवान भरोसे हुआ करते है। घटना के बाद बाजार मे जुटी भीड़ मे भी प्रशासनिक अनदेखी की चर्चा का माहौल गर्म था। हाल ही मे लालगंज के खेंमसरी गांव मे भी जर्जर मकान के मलबे मे एक विवाहिता की मौत हो गई थी। इसके पहले बीते वर्ष धधुआगाजन प्राथमिक विद्यालय मे भी छत गिरने से दो मजदूरो की मौत हो गयी थी। 
 
मजदूरों को सर्वहित बीमा योजना से मिलेगी सहायता
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लालगंज, प्रतापगढ़। बाबूगंज डीहमेंहदी मे मलबे मे दबकर मृतक दोनों मजदूरों की आर्थिक स्थिति बेहद खस्ता है। परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूर दिहाडी पर काम किया करते थे। मजदूरो का कोई बीमा भी न होने के कारण अब केवल सरकार से इमदाद ही एक मात्र निराश्रित परिवारों को सहारा हो सकती है। आर्थिक तंगी के शिकार मजदूरों के परिजनों की आर्थिक स्थिति देखकर माहौल और गमगीन हो उठा था। हालांकि एसडीएम बीके प्रसाद का कहना है, मृतक मजदूरों के परिजनो को सरकार की सर्वहित बीमा योजना से आर्थिक सहायता प्रदान करायी जायेगी।

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