ग्रामीण हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में गोहरी की महिलाएं अव्वल

मुक्त विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र  ने चलाया जागरूकता अभियान
प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में स्थापित महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा आगामी माह में आयोजित होने वाले ग्रामीण हस्त शिल्प कला और प्रदर्शनी के लिए गोहरी ग्राम सभा में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें महिला अध्ययन केन्द्र के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनी के बारे विस्तार पूर्वक बताया गया। महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने कहा कि उनके हुनर को निखारने के लिए यह प्रदर्शनी एक लीक का पत्थर साबित होगी। प्रदर्शनी में महिलाओं द्वारा बनाए गए घरेलू सामान जैसे मूंज से बने सामानों में पंखे, डलिया, टोकरी, मिट्टी के बर्तन, मास्क, पायदान आदि सामानों का स्टाल लगाकर अपने हुनर को दिखा सकती है। आगे यह भी बताया गया कि इस प्रर्दशनी के माध्यम से  एक बाजार मिल सकेगा जहां अपने सामानों को बेच कर कुछ धन अर्जित कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इस कार्यक्रम में 8 से 12 वर्ष की लड़कियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता भी अयोजित की जाएगी।  महिलाएं लोकगीत जैसे सोहर, कजरी, विवाह गीत, कहानियां, लोकनृत्य, फगुआ आदि में भी प्रतिभाग कर सकती हैं, जिससे लुप्त हो रही ऐसी विधाओं को पुनर्जीवित किया जा सके।। गोहरी गांव की महिलाओं ने अपने द्वारा निर्मित मूंज के सामान जैसे डलियां, पंखे, आदि को नमूने के तौर पर दिखाया।। इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए महिलाओं में काफी उत्साह दिखा।
सोरांव विकासखंड के गोहरी में आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर रुचि बाजपेई, डॉ श्रुति, डॉ मीरा पाल, डॉ साधना श्रीवास्तव, डॉ शिवेंद्र प्रताप सिंह एवं  राजेश गौतम ने ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार एवं स्वावलंबन की दिशा में जागरूकता लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दी ।
केन्द्र की समन्वयक प्रो. रुचि बाजपेई ने होली पर्व से पहले आयोजित इस कार्यशाला में गांव की सभी महिलाओं को कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं समस्त  वि.वि. परिवार की ओर से होली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और वि.वि. द्वारा आयोजित प्रसार कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता के लिए गोहरी ग्राम की महिलाओं को प्रोत्साहित किया।

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