नारी बारी से प्रमोद बाबू झा, आम जनमानस में श्रद्धा और विश्वास की प्रतिमूर्ति बनी तमसा नदी के किनारे बैरिहा छतरगढ काली माता का मंदिर क्षेत्रीय जन मानस के लिए श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बना है बतादें कि यहाँ कोटिया राजा महाँराजाओं के राज्य में यह प्राचीन काली माता मंदिर टमस नदी के तट पर स्थापित है जो कि बहुत ही सुन्दर यहाँ की रचना सराहनीय है व माता देवी का स्थान है । बुजुर्गों को कहना है कि यह देवी की स्थापना राजा छत्रपाल सिंह ने किया था ऐसा कहना है बुजुर्गो को और आज भी राजा साहेब का राज महल मौके पर है पर छतिग्रस्त हो गया है जिसे आज भी सभी लोग कोटिया या कोटि के नाम से जाना जाता है । और माता देवी मंदिर में बहुत दूर दूर से लोग दर्शन पूजन व मान मनौती करने आते हैं ।और जो भी भक्त मन्नत मागते हैं उनकी मनोकामना भी पूरी होती है ।यहा हर सोम्मवार व शुक्रवार को निशान चढ़ाने के लिए भक्तो का तॉता लगा रहता है और आपकी मानों कामना काली माता जी अवश्य पूर्ण करेंगी यहाँ के पुजारी मेवालाल ने वताया कि भूत पूर्व प्रधान संगम लाल निषाद के कार्य काल में छोटा सा काली माता जी का मंदिर बनवा दिये थे । और उसके पहले देवी जी की मर्ति खुले आसमान में थीं । और आज के समय में काली माता जी मन्दिर में विराज मान है । और यहा भण्डारा भी होता है वर्तमान प्रधान.भारत निषाद व ग्रामीणों के सहयोग से धार्मिक आयोजन होता रहता है । शारदीय नवरात्रि पर्व पर भक्तो का जमावड़ा लगा रहता है ।यहा का स्थान बहुत ही पावन धाम है माता काली सभी को मानों कामना पूर्ण करतीं हैं । इस संदर्भ मे कल्लन माझी सहित ग्रामीण जनो ने मजदूर बाहुल्य छेत्र मे उक्त धार्मिक स्थल का कायाकल्प करना जरूरी (3) रिमझिम बारिश की शुरुआत से किसानों के चेहरे खिले शंकरगढ़ से प्रामोद बाबू झा चंद्रमणिमिश्र, जमुना पार के अंतर्गत लगातार गर्मी उमस और लु के चलते जहां सैकड़ों लोग असमय काल कवलित हो चूके हैं ऐसे में शनिवार को बूदावादी शुरू हुई उसके बाद से किसानों के चेहरे में एक नई ऊर्जा देखने को मिली शंकरगढ़ क्षेत्र के समाजसेवी रामायण प्रसाद शुक्ला ने कहा की भीषण गर्मी लू से पिछले दो माह के अंतरगत क्षेत्र के सैकड़ों लोग असमय काल के गाल में समा चूके हैं और लगातर गर्मी उमस तपन और लु के चलते लोगों को बारिश का इंतजार था श्री शुक्ला ने कहा की इस साल बघला नहर की शाखाओं में समय से पानी ना चलने से ग्रामीण अंचल के किसानों मजदूरों के हैंड पंप और कुओं का जलस्तर काफी नीचे गिर गया इसके साथ ही तालाबों में पानी ना होने से पालतू जानवर और छुट्टा पशुओं के लिए भी पेयजल की भारी समस्या हुई शंकरगढ़ क्षेत्र का जिक्र करते हुऎ उन्होंने कहा की शंकरगढ़ विकासखंड पथरीला और पहाड़ी इलाका है यहां पानी के लिए लोगों में हाहाकर मचा रहा अभी जबकी रिमझिम बारिश की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में आगे उम्मीद है की पेय जल से लेकर जल संकट से लोगों को भारी निजात मिलेगी
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