गुजरात दंगों के 6 दोषी जमानत पर छूटने के बाद सामुदायिक सेवा के लिए पहुंचे इंदौर

वर्ष 2002 के गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के एक दंगे के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले 15 दोषियों में से छह लोगों का समूह उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक जमानत पर छूटने के बाद सोमवार को यहां पहुंचा। शीर्ष अदालत ने इन दोषियों को दो समूहों में बांटते हुए उन्हें इस शर्त पर जमानत दी है कि उन्हें मध्यप्रदेश के दो शहरों-इंदौर और जबलपुर में रहकर सप्ताह में छह-छह घंटे सामुदायिक सेवा करनी होगी।

इंदौर के जिला विधिक सहायता अधिकारी सुभाष चौधरी ने को बताया कि उच्चतम न्यायालय के जमानत आदेश के मुताबिक विजय पटेल (51), सूर्यकांत पटेल (50), धर्मेश पटेल (41), जयेंद्र कुमार पटेल (64), दिलीप पटेल (65) और प्रवीण पटेल (61) ने उनके सामने आमद दर्ज करा दी है। दंगों के ये दोषी गुजरात के संबंधित ट्रायल कोर्ट में जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इंदौर पहुंचे हैं। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से यह भी कहा है कि वह इन दोषियों को उचित रोजगार दिलाने में मदद करें।

इस बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने बताया कि जमानत पर गुजरात की एक जेल से बाहर आये दोषियों ने इंदौर में किराये पर कृषि भूमि लेकर खेती की इच्छा जतायी है। हम इस दिशा में उनकी मदद के लिये जरूरी कदम उठा रहे हैं, ताकि वे शहर में रहने के दौरान अपनी आजीविका कमा सकें। उन्होंने बताया कि इन दोषियों को सामुदायिक सेवा के लिये शहर के मंदिरों, गुरुद्वारों और अस्पतालों में भेजने की योजना बनायी जा रही है। गुजरात दंगों के मामले में 15 दोषियों को आणंद जिले के ओड कस्बे में हुए नरसंहार के सिलसिले में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी। इस दंगे में 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।

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