मामला स्ट्रीट लाइट खम्भों में मामूली वजन अंतर और केवल 2.76 लाख रुपये की कथित गड़बड़ी का मामला
प्रयागराज, 7 सितंबर
शहर के कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट के खंभों के वजन में गड़बड़ी के दोषों से जुड़े मामले में खंभे लगाने वाली एजेंसी को ईमानदारी दिखाने की ही सज़ा मिल रही है। नीव एनर्जी एजेंसी ने स्वयं नगर निगम को सूचित किया कि गलत बैच चले जाने की संभावना के चलते कुछ खंभों का वजन शायद कम हो सकता है और वो उन्हें अपने खर्च पर बदलने को तैयार है, पर इस ईमानदारी के लिए एजेंसी पर ही धोखाधड़ी का आरोप लग गया और उस पर कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।
झूंसी के छतनाग तथा अल्लापुर (ज़ोन 4 और 8) इलाकों में नीव एनर्जी द्वारा करीब एक साल पहले स्ट्रीट लाइटें लगाई गयी थीं। काम पूरा होने के बाद निगम द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी एजेंसी ने निरीक्षण किया था और सभी मानकों के अनुरूप कार्य होने पर ही भुगतान किया गया।
गौरतलब है कि करीब एक साल बाद निगम ने नीव एनर्जी को पत्र भेजकर जानकारी दी कि कुछ पोलों का वजन निर्धारित मानकों से कम है। जवाब में नीव एनर्जी ने आंतरिक सर्वे करवाया और पाया कि शायद गलत बैच की आपूर्ति के कारण कुछ और खंभों का वजन संभवत: कम हो सकता है। इस पर एजेंसी ने निगम को तुरंत सूचित किया और अपने खर्च पर ढाई महीने के भीतर सभी खम्भे बदलने का प्रस्ताव भी दिया। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से कमी को सुधारने के लिए तैयार और तत्पर है।
इस के बावज़ूद एजेंसी पर बिना किसी साक्ष्य के सरकारी संपत्ति एवं पैसे का गबन करने का आरोप लगाया गया। जबकि एक साल पहले ही निगम द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी एजेंसी की और से निरीक्षण में सब कुछ सही पाया गया था।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि पिछले तीन वर्षों में नीव एनर्जी को कुल 5.38 करोड़ रुपये का कार्यादेश दिया गया था। खंभों के वजन में संभावित अंतर के आधार पर अधिकतम मूल्य अंतर 4,000 रुपये प्रति खंभा था, जिससे कुल अंतर केवल 2.76 लाख रुपये बनता है, जो कि कुल कार्यादेश का मात्र 0.5% है। नीव द्वारा निगम के पत्र का उत्तर देते हुए सभी प्रासंगिक बिंदु प्रस्तुत किए गए थे। विडंबना यह है कि एजेंसी ने स्वयं खंभों की रिपोर्ट दाखिल की और अपने खर्च पर उन्हें बदलने का प्रस्ताव रखा।
इस के बावजूद नीव एनर्जी पर केवल वजन में संभावित मामूली अंतर का हवाला देते हुए सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। जबकि हकीकत यह है कि एजेंसी ने खुद ही खम्भों के संभावित कम वजन का खुलासा किया था और सुधार का प्रस्ताव रखा था।