भारत की स्टार महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में कम वेतन से परेशान नहीं हैं क्योंकि वह समझती हैं कि इस खेल के इस राजस्व पुरुष क्रिकेट के जरिए आता है।आईसीसी की साल की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर मंधाना ने बुधवार को यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान समान वेतन के विवादास्पद मुद्दे पर बात की। बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध के शीर्ष वर्ग में शामिल पुरुष क्रिकेटरों को वार्षिक वेतन के तौर पर सात करोड़ रुपये मिलते हैं जबकि शीर्ष वर्ग की महिला क्रिकेटरों को वार्षिक अधिकतम 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि टीम की कोई साथी इस अंतर के बारे में सोचती है क्योंकि फिलहाल हमारा ध्यान सिर्फ भारत के लिए मैच जीतने, दर्शकों को मैदान पर लाने, राजस्व जुटाने पर है। हमारा लक्ष्य यही है और अगर ऐसा होता है तो सभी अन्य चीजें ठीक हो जाएंगी।मंधाना ने कहा कि और इसके लिए हमें प्रदर्शन करना होगा। हमारी तरफ से यह कहना अनुचित होगा कि हमें समान वेतन की जरूरत है, यह सही नहीं है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि मैं इस अंतर पर प्रतिक्रिया देना चाहती हूं।’’भारत विश्व टी20 से पहले आस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला खेलेगा और मंधाना का मानना है कि इस टूर्नामेंट में खेलने से रणनीति बनाने और टीम संयोजन में मदद मिलेगी। टी20 विश्व कप अगले महीने आस्ट्रेलिया में शुरू होगा लेकिन इससे पहले भारत इसी देश में मेजबान टीम और इंग्लैंड के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला खेलेगा।
मंधाना ने कहा, ‘‘हमारी अधिकांश खिलाड़ी आस्ट्रेलिया में खेली हैं, मुझे लगता है कि भारत ए के पिछले महीने आस्ट्रेलिया का दौरा करने से भी काफी मदद मिलेगी क्योंकि चार से पांच खिलाड़ी उस टीम का भी हिस्सा थी।’’उन्होंने कहा, ‘‘त्रिकोणीय श्रृंखला काफी महत्वपूर्ण टूर्नामेंट होने वाला है, टीम संयोजन के बारे में मदद मिलेगी या पता चलेगा कि क्या करने की जरूरत है या आस्ट्रेलियाई विकेटों पर हमें कितना लक्ष्य लेकर चलने की जरूरत है।’’