कौन है ब्राजील के राष्ट्रपति जो होंगे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि

हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विशेष विदेशी मेहमानों को बुलाने का रिवाज होता है। गणतंत्र दिवस 2020 में इस बार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो को न्यौता दिया गया है और इस न्यौते को बोलसोनारो ने स्वीकार भी कर लिया है। वह 26 जनवरी को भारत की 71वीं गणतंत्र दिवस परेड में विशेष अतिथि होंगे। इससे पहले 1996 और 2004 में ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बन चुके हैं। बोलसोनारो की यह पहली भारत यात्रा होगी। वह अपने सात मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों और एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचेंगे। बता दें कि BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने बोलसोनारो को गणंतत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने का निमत्रंण दिया था। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो भारत के हित में फैसले लेने के लिए जाने जाते है। साल 2019 में सत्ता में आते ही बोलसोनारो ने भारतीयों को ब्राजील आने की वीजा की परेशानी को भी खत्म कर दिया था।

कौन हैं जेयर मेसियास बोलसोनारो?

64 साल के बोलसोनारो सेना के पूर्व कप्तान हैं और वह कन्जरवेटिव सोशल लिबरल पार्टी से आते हैं। अपने नस्लवाद, समलैंगिकता और महिलाओं पर उग्र टिप्पणी करने के लिए वह हमेशा से ही खबरों में बने रहते हैं। उनके इन उग्र विचारों की वजह से उन्हें ब्राज़ील का ट्रंप भी कहा जाता है। वे ब्राजील में सेना शासन को सही मानते हैं और वे यह भी मानते हैं कि देश की मजबूती के लिए ब्राज़ील को 1964-85 वाले मिलिट्री तानाशाही शासन में बदला जाना चाहिए।

बोलसोनारो और चुनाव

बोलसोनारो ब्राजील के 38वें राष्ट्रपति हैं। उन्होंने अक्टूबर 2018 के चुनाव में दमदार जीत हासिल कर राष्ट्रपति पद की कमान संभाली। चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार और अपराध रहा। बोलसोनारो ने अपने प्रतिद्वंद्वि वर्कर पार्टी के नेता फर्नांडो हदाद को बड़े अंतर से हराया। इस चुनावी जीत में उन्हें 55 फीसदी वोट मिले, जब्कि हदाद को सिर्फ 45 फीसदी वोट से संतुष्ट होना पड़ा। एक जगह उन्हें लोगों का काफी समर्थन मिला तो दूसरी और उनका काफी विरोध भी किया गया। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान उन पर चाकू से भी हमला हुआ था और उन्हें तुंरत सर्जरी करवानी पड़ी थी। अस्पताल में होने के कारण उन्हें अपना चुनाव प्रचार सोशल मीडिया के जरिए करना पड़ा था। चुनावी जीत से पहले बोलसोनारो ने कहा था कि भगवान की यही इच्छा है, आने वाला कल हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस लेकर आएगा।

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