कौन हैं हर्षा रिछारिया? महाकुंभ की ‘साध्वी’ जो अपनी उपस्थिति को लेकर ऑनलाइन चर्चा में हैं

इंस्टाग्राम पर लगभग दस लाख फॉलोअर्स वाली एक प्रभावशाली और पेशेवर होस्ट हर्षा रिछारिया ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में अपनी उपस्थिति के कारण सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। इंटरनेट के एक वर्ग ने उनकी पुरानी तस्वीरें और वीडियो खोज निकाले हैं, जिसमें उनकी आलोचना की गई है और कहा गया है कि वह साध्वी नहीं बल्कि एक पेशेवर होस्ट और मॉडल हैं।

30 वर्षीय रिछारिया प्रयागराज से अपने वीडियो साझा कर रही हैं, जिसमें उन्हें अलग-अलग जगहों पर और अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लेते हुए दिखाया गया है। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर हाल की तस्वीरें और वीडियो उन्हें भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर प्रार्थना करते और आध्यात्मिक गुरुओं से मिलते हुए दिखाते हैं। उत्तराखंड की प्रभावशाली व्यक्ति ने कहा कि वह दो साल पहले अध्यात्म में शामिल हुई थीं।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया कौन हैं

रिछारिया ने बताया कि वह आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं। इंस्टाग्राम पर, जहां उनके अकाउंट हैंडल का नाम “host_harsha” है, वह खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता/प्रभावशाली” और “हिंदू सनातन शेरनी” बताती हैं। हर्षा ने अपने सोशल मीडिया पर इस मेले से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं। पोस्ट में उन्होंने साड़ी और ड्रेस जैसे पारंपरिक भारतीय परिधान पहने हुए हैं और माथे पर टीका लगाया हुआ है। उनके फॉलोअर्स उनके इस देसी रूप को देखकर हैरान हैं। हर्षा ने अपने फॉलोअर्स को बताया कि अब वह ‘साध्वी’ बन गई हैं। एक वीडियो में हर्षा रिछारिया ने खुलासा किया कि वह पिछले 2 साल से साध्वी हैं। जहां कुछ लोग उनके द्वारा चुने गए नए रास्ते के बारे में जानकर खुश हैं, वहीं कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की। उनके कुछ फॉलोअर्स ने बताया कि कैसे उनकी तस्वीरें वेस्टर्न आउटफिट में हैं।

हर्षा एक सामाजिक कार्यकर्ता और इन्फ्लुएंसर हैं और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरि जी महाराज की शिष्या हैं। रिछारिया उत्तराखंड से हैं और खुद को ‘हिंदू सनातनी शेरनी’ यानी हिंदू सनातनी शेरनी कहती हैं। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनीं साधवी का जन्म 26 मार्च को हुआ था। इंस्टाग्राम पर उनके 1 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

महाकुंभ मेला 2025 से उनके हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं। जो महादेव और परम पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से 144 वर्ष की आयु में इस पूर्ण महाकुंभ का भाग बन गया और पहले शाही स्नान में शामिल हो गयी, खुद को तृप्त कर आशीर्वाद हर हर महादेव।

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