प्रयागराज। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, प्रयागराज द्वारा अब तक के अपने सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त करते हुए एक वित्तीय वर्ष में 4278.64 रूट किलोमीटर के रेल विद्युतीकरण कर कोर के इतिहास की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि पर कोर के महाप्रबन्धक श्री यशपाल सिंह, ने कोर मुख्यालय तथा परियोजना में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है।
अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय रेल ने इसी अवधि अर्थात वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 6383 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया।
ज्ञात हो कि यद्यपि रेल विद्युतीकरण का कार्य मुख्य रूप से प्रयागराज स्थित रेल विद्युतीकरण संगठन द्वारा भारतवर्ष में फैली अपनी नौ परियोजना इकाइयों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है, अन्य कार्यदायी एजेंसियाँ जैसे रेल विकास निगम लिमिटेड, इरकॉन एवं राइट्स भी कुछ-कुछ रेल विद्युतीकरण का कार्य करती रहीं है। इस वर्ष कोर द्वारा किये 4278.64 रूट किलोमीटर के अतिरिक्त रेल विकास निगम लिमिटेड ने 801 रूट किलोमीटर, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा 272 रूट किलोमीटर एवं इरकॉन द्वारा 268 रूट किलोमीटर का योगदान दिया गया। हालाँकि ये सभी अस्थायी (Provisional) आँकड़े है, परन्तु एक बात तो तय है कि अखिल भारतीय स्तर पर जितना विद्युतीकरण इस वित्त वर्ष में हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ ।
कोर की परियोजना इकाइयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लखनऊ परियोजना का रहा जिसने 835.49 रूट किलोमीटर का योगदान दिया। अन्य परियोजनाओं में सिकंदराबाद परियोजना द्वारा 723.86 रूट किलोमीटर, चेन्नई परियोजना द्वारा 596.51 रूट किलोमीटर, कोलकाता परियोजना द्वारा 385.53 रूट किलोमीटर, अहमदाबाद परियोजना द्वारा 426.51 रूट किलोमीटर, जयपुर परियोजना द्वारा 333.39 रूट किलोमीटर, अम्बाला परियोजना द्वारा 496.49 रूट किलोमीटर, गुवाहाटी परियोजना द्वारा 244.20 रूट किलोमीटर एवं वैगलोर परियोजना द्वारा 236.67 रूट किलोमीटर के विद्युतीकरण का योगदान दिया गया।
तेज गति से किए जा रहे विद्युतीकरण कार्य द्वारा सभी ब्रॉड गेज रेल मार्गों का रेल विद्युतीकरण दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। सम्पूर्ण भारतवर्ष में रेल विद्युतीकरण के पूर्ण होने से बहुत से लाभ होंगे। एचएसडी ऑयल पर खर्च किए गए विदेशी मुद्रा पर प्रति वर्ष 300 करोड़ रुपए की शुद्ध बचत होगी। एचएसडी तेल की खपत भी 3,400 किलो लीटर प्रति माह कम हो जाएगी, जिससे आयातित पेट्रोलियम पर निर्भरता कम होगी। वर्तमान समय में क्रूड के आसमान छूते भावों को देखते हुए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। रेल विद्युतीकरण से निर्बाध परिचालन में अपरिहार्य ट्रैक्शन परिवर्तन समाप्त हो जाएगा जिसके फलस्वरूप ट्रेनों की तीव्र गति के साथ-साथ आवाजाही भी बढ़ेगी। विद्युतीकृत रेल मार्गों पर भारी मालगाड़ियों को तेज गति से चलाया जा सकता है। बढ़ी हुई लाइन क्षमता के कारण नई यात्री रेलगाड़ियां शुरू की जा सकती हैं। विद्युतीकरण के साथ, एंड ऑन जेनरेशन सिस्टम के बजाय हेड ऑन जेनरेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे यात्री रेलगाड़ियों के साथ जुडने वाली बिजली वाले पावर कारों के स्थान पर यात्री डिब्बे लगाये जा सकते है।
महाप्रबन्धक यशपाल सिंह, ने बताया कि वर्ष 2021-22 में आनन्दनगर-नवतनवा, बिरलानगर-उदीमोड, श्रीरामपुर-न्यू बोंगाईगांव, यशवंतपुर-चिक्कबनवारा-तुमकुरु, सुरेन्द्रनगर-मुली रोड, वीरमगाम-जटपिपली, सीतामढ़ी-रक्सौल, मदुरै-मानामदुरै, कुर्डुवाडी-पांगरी, बालोद-दल्ली राझरा, गदवाल-रायचूर, सलेम-वृद्धाचलम, सुल्तानपुर-अयोध्याकैंट, अकबरपुर-अयोध्याकैंट, रींगस-सीकर-झुन्झुनू, ऑन्लाझारी-बदामपहाड़, गोंडा-बहराइच, पीलीभीत-शाहजहाँपुर, भाटिया-ओखा, भंजपुर-बांगरीपोसी, तिरुचिरापल्ली-कराइक्कुडी, लोहगड-वाशिम, मोरताड़-निजामाबाद, बाँका-जसीडीह, न्यू जलपाईगुडी-सिलीगुड़ी, सोनीपत-गोहाना, गुवाहाटी-डिगारु-जागीरोड, इटावा-मैनपुरी-फरुखाबाद, खजुराहो-ईशानगर, विरुदुनगर-मनमादुरई, पलानी-पलक्कड, जटपिपली-चुली, जोगीघोपा-बोको, कटिहार-पूर्णिया, दुमका-देवघर, पाकाला-कलकिरी, कादिरी-टुम्मनमगुंटा, यलहंका-देवनहल्ली-चिक्कबाल्लापु र, टुमकुर-नित्तूर एवं पुनलूर-कोल्लम जैसे महत्वपूर्ण रेल खण्डों का केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, प्रयागराज ने इस वित्त वर्ष के दौरान विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया है।
उपरोक्त महत्वपूर्ण सेक्शनों के विद्युतीकृत हो जाने से देश के विकास को और गति मिलेगी। डीजल के आयात में कमी से ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। जिससे पूरे देश में औद्योगिक विकास, कुटीर उद्योग तथा पर्यटन की संभावनाओं के अनेक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। प्रधानमन्त्री के विजन के तहत सरकार भारतीय रेल को देश के समावेशी विकास का इंजन बनाने के लिए संकल्प बद्ध है। इसी सपने को साकार करने के लिए पूरा कोर परिवार प्रतिबद्ध है।