कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ा तनाव, दो हफ्तों में उत्तर कोरिया ने दागीं छह मिसाइलें

उत्तर कोरिया की ओर से पिछले दिनों दागीं गई मिसाइलों के कारण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है। दरअसल, लगातार मिसाइल परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया व अमेरिका की ओर से भी जवाब दिया गया है, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इसी सप्ताह उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल ऐसी दागी जो जापान के ऊपर से गुजरते हुए प्रशांत महासागर में जाकर गिरी। बीते दो हफ्तों में उत्तर कोरिया छह मिसाइलें दाग चुका है।

उत्तर कोरियाई मिसाइलों के जवाब में अपनी मिसाइलें दागने के बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने इस हफ्ते जापान को साथ लेकर विशेष सैनिक अभ्यास भी शुरू कर दिया। अमेरिका ने अपना विमानवाही पोत कोरियाई प्रायद्वीप से लगे जल क्षेत्र में तैनात कर दिया है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियो नें इस अमेरिकी कदम को ‘बेहद असामान्य’ बताया है।

इन घटनाओं के बाद इस चर्चा ने माहौल और गरमा गया है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार परीक्षण की तैयारी कर रहा है। अगर वह ऐसा करता है तो पांच साल में यह उसका पहला परीक्षण होगा। इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए विदेश नीति संबंधी एक नई गंभीर चुनौती खड़ी होगी।

उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम अब कई वर्ष पुराना हो चुका है। इस बीच उसकी मिसाइलों की क्षमता बढ़ती चली गई है। 2017 में पूरे वर्ष के दौरान उत्तर कोरिया ने 23 मिसाइल परीक्षण किए थे। उस समय उसकी दो मिसाइलें जापान के ऊपर से गुजरी थीं और उससे इस इलाके में तनाव काफी बढ़ गया था। 2017 के परीक्षणों से यह साफ हो गया था कि उत्तर कोरिया ने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार कर ली हैं। अब विश्लेषकों की नजर उसकी परमाणु क्षमता पर है।

थिंक टैंक मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में हथियार विशेषज्ञ जेफरी लुइस ने कहा है कि उत्तर कोरिया अब किसी भी समय अपना अगला परमाणु परीक्षण कर सकता है। लेकिन अमेरिकी सेना के पैसिफिक कमांड से जुड़े हवाई स्थित ज्वाइंट इंटलीजेंस सेंटर के पूर्व निदेशक कार्ल शुस्टर ने राय जताई है कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण से पहले शायद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस (महाधिवेशन) खत्म होने का इंतजार करेगा। चीन से उसके दोस्ताना संबंध हैं। इसे देखते हुए वह महाधिवेशन के बीच और तनाव बढ़ाना शायद ना चाहे। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से शुस्टर ने कहा कि उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन अपना देश चलाने के लिए चीन की मदद पर बेहद निर्भर हैं। इसलिए वे ऐसा कुछ नहीं करना चाहेंगे, जिससे महाधिवेशन के मौके पर चीन का ध्यान बंटे।

लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञों की राय है कि अक्टूबर के बाद उत्तर कोरिया अपने कुछ महत्त्वपूर्ण हथियारों का परीक्षण करेगा। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के अधिकारी पिछले मई से ही चेतावनी दे रहे हैं कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण की तैयारियों में जुटा हुआ है। ऐसा दावा उन्होंने उपग्रह से हासिल तस्वीरों के आधार पर किया है।

विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि कुछ समय पहले किम ने कोविड-19 महामारी पर विजय पा लेने की घोषणा की थी। उसके बाद उन्हें अब अपने हथियारों का परीक्षण करने के लिए संभवतः यह सही समय महसूस हो रहा है। दक्षिण करिया की कूकमिन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर आंद्रेई लानकोव ने कहा है- ‘पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक कारणों से उत्तर कोरियाई नेतृत्व अस्त्र परीक्षण करने में खुद को अक्षम पा रहा था। लेकिन अब कोरियाई इंजीनियर और सैनिक जनरल यह सुनिश्चित करने के लिए बेसब्र मालूम पड़ते हैं कि उनके हथियार ठीक काम करने की अवस्था में हैं।’

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