कृषि मंत्री ने प्रयागराज, विंध्याचल, चित्रकूट एवं वाराणसी मण्डल की रबी उत्पादकता गोष्ठी का किया शुभारम्भ

गोष्ठी में वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों के द्वारा साझा किए गए अपने अनुभव
 मंत्री  ने खाद, बीज एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने के दिए निर्देश
प्रयागराज।
कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में प्रयागराज, विंध्याचल, वाराणसी एवं चित्रकूट मण्डल की संयुक्त मण्डलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी का आयोजन इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के पे्रक्षागृह में किया गया। गोष्ठी में  कृषि मंत्री , उ0प्र0 सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समीक्षा गोष्ठी में सम्बन्धित विभागों के शासन स्तर के सचिव कृषि, निदेशक, कृषि, उद्यान, पशुपालनसहित चारों मण्डलों के मण्डलायुक्त, समस्त जिलाधिकारी, समस्त मुख्य विकास अधिकारी, मुख्यालय स्तर से निदेशक, कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा, तथा कृषि एवं संवर्गीय विभागों के मण्डलीय/जनपदीय अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।  विनोद कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल/उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि  कृषि मंत्री  एवं कृषि उत्पादन आयुक्त/अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। उनके द्वारा गोष्ठी में रबी के लिये की गयी तैयारी तथा मण्डलों में तैयार की गयी रणनीति की समीक्षा के साथ ही जनपदों के किसानों से फीडबैक लिया गया। उन्होनें कहा कि मण्डलीय रबी गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य यही है कि किसानों के सुझाव एवं उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराया जाए। कार्यक्रम का संचालन डा0 प्रभाकर त्रिपाठी, अपर जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रयागराज द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि  कृषि मंत्री  ने अपने सम्बोधन में कहा कि अब तक जितने मण्डलों की रबी गोष्ठियाॅं आयोजित हुयी हैं, उनमें प्रयागराज में आयोजित प्रयागराज, विंध्यांयल, वाराणसी, चित्रकूट मण्डल की संयुक्त रबी गोष्ठी सबसे सार्थक गोष्ठी है। गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, अधिकारियों द्वारा अपनी बात सही ढंग से रखी गयी है। बाॅंदा एवं कौशाम्बी के किसानों के अनुभव सभी के लिए अनुकरणीय है। उन्होनेें बताया कि प्रदेश में 600 लाख मी0टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सरकार द्वारा सभी आवश्यक प्रबन्ध किये गये हैं। बीज, खाद, रसायनों की सभी जनपदों में पर्याप्त उपलब्धता है। डी0ए0पी0 की उपलब्धता की जानकारी देते हुए उन्होनें बताया कि मण्डल प्रयागराज में 20252 मी0टन, विंध्यांयल मण्डल में 6779 मी0टन, वाराणसी मण्डल मंे 21662 मी0टन, चित्रकूट मण्डल में 7228 मी0टन उपलब्ध है। इनजी इसी प्रकार यूरिया एवं फासफेटिक उर्वरकों की उपलब्धता की जानकारी देते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी इसको देख लें और किसानों को उर्वरक की प्राप्ति में कोई कठिनाई न होने पाए। यदि किसानों के समक्ष उर्वरकों के क्रय में समस्या आएगी तो इस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यांत्रिक एवं विद्युत दोष से खराब नलकूपों को तत्काल ठीक कराने, नहरों की सफाई एवं टेल तक पानी पहुॅचाने के निर्देश दिए। उन्होनें कहा कि निजी नलकूपोें के विद्युत बिलों पर किसानों को 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता के लिए इस वर्ष 10 हजार खेत तालाब के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। खेत तालाब की मण्डलवार प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि अगले तीन माह के अन्दर लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति कर ली जाए। इसमें लापरवाही क्षम्य न होगी। सब्जी एवं औषधीय खेती के लाभ बताते हुए उन्होनें किसानों को इसकी खेती करने का सुझाव दिया इससे आय में बृद्वि होगी।  मंत्री  ने कहा कि किसान खेती करें उनके उत्पाद के प्रोसेसिंग का कार्य सरकार करेगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त उ0प्र्र0 शासन ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश में 600 लाख मी0टन खाद्यान्न उत्पादन होता है जिसका दो तिहाई रबी में पैदा होता है। पूरी दुनियाॅ में जितना गेहूॅ पैदा होता है उसका 13 प्रतिशत भारत में पैदा होता है तथा भारत के कुल उत्पादन का 34 प्रतिशत गेहूॅ उत्तर प्रदेश में पैदा होता है। गोष्ठी में किसानों की जो समस्यायें आयी हैं, सम्बन्धित जिलाधिकारी उसका प्राथमिकता पर निराकरण करायें। प्रोसेसिंग यूनिट पर मुख्य विकास अधिकारियों को ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि शासन की योजनाओं को निचले स्तर तक पहुॅचाया जाए। खेत के समतलीकरण हेतु अनुदान पर लेजर लैण्ड लेवलर किसानों को उपलब्ध कराये गये हैं। इसका लाभ अन्य किसानों को उपलब्ध कराया जाए। फार्म मशीनरी बैंक के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र एफ0पी0ओ0/समूहों को उपलब्ध कराये गये हैं। इनके बाजार दर से कम किराये का निर्धारण कराकर किसानों को उपलब्ध कराया जाए और इसकी समीक्षा अवश्य की जाए। प्रत्येक जनपद में कम से कम 2 हाईटेक नर्सरी बनवाया जाए। धान की खरीद हेतु पर्याप्त केन्द्र खोले जाए और किसानों के धान की खरीद करायी जाए।
 विजय विश्वास पन्त, मण्डलायुक्त, प्रयागराज द्वारा प्रयागराज मण्डल में रबी की रणनीति एवं तैयारी से अवगत कराते हुए बताया गया कि मण्डल में रबी की प्रमुख फसल गेहूँ का आच्छादन गत वर्ष 608267 हे0 के सापेक्ष 605134 हे0 प्रस्तावित है, जो 3133 हे0 कम है। इस वर्ष दलहनी एवं तिलहनी फसलों में गत वर्ष के सापेक्ष आच्छादन में क्रमशः 9.89 प्रतिशत एवं 11.59 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। इस प्रकार गत रबी में कुल आच्छादित क्षेत्रफल 742014 हे0 के सापेक्ष वर्तमान रबी में 761541 हे0 लक्षित है।मण्डल की प्रमुख फसल गेहूँ का उत्पादन लक्ष्य 2122.270 हजार मै0 टन प्रस्तावित है, जो गत वर्ष के सापेक्ष 6.99 प्रतिशत अधिक है। मण्डल में विभिन्न फसलों का उत्पादकता लक्ष्य गेहूँ 35.07, जौ 28.80, चना 14.43, मटर 14.53, मसूर 15.59, राई/सरसों 13.08, अलसी 7.10 एवं मक्का 29.96 कु0/हे0 निर्धारित है। मण्डल में उर्वरक वितरण हेतु यूरिया 253900 मै0टन निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 105959 मै0टन (41.73 प्रतिशत), डी0ए0पी0 100300 मै0टन के सापेक्ष 52232 (52.08 प्रतिशत), एन0पी0के0 15850 मै0टन के सापेक्ष 12111 (76.41 प्रतिशत) एवं एम0ओ0पी0 8900 मै0टन के सापेक्ष 6563 (73.74 प्रतिशत) की उपलब्धता है। वर्तमान में मण्डल में 819 सोलर पम्प स्थापित कराया जाना लक्षित है। इनकी आपूर्ति और स्थापना की जा रही है। सोलर पम्प खराब होने पर मरम्मत में कम्पनियां अधिक समय लगाती है जिससे किसानों को सिंचाई में बाधा उत्पन्न होती है।  इसके लिए कम्पनियों के सेवा केन्द्र प्रत्येक जनपद में बनवाया जाना चाहिए। कृषि विभाग/उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं में फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टर, विभिन्न कृषि यंत्र, मिनी गोदाम इत्यादि पर अनुदान प्राप्त करने हेतु जनपद स्तर पर निर्धारित लक्ष्य के अनुसार आनलाइन बुकिंग जनपद के लक्ष्य के सापेक्ष किये जाने का प्राविधान है। कुछ क्षेत्रों को इससे अधिक लाभ मिल जाता है, यदि इसे विकास खण्डवार लक्ष्य निर्धारित कर बुकिंग कराया जाय तो समस्त क्षेत्रों को समुचित लाभ मिल सकेगा। विभिन्न राजकीय संस्थाओं के सहयोग से गठित होने वाले कृषक उत्पादक संगठन केन्द्रांश योजना से निःशुल्क गठित हो रहे हैं। परन्तु स्वप्रेरित होकर कृषक उत्पादक संगठनों का गठन करने वाले समूहों को यह सुविधा उपलब्ध नही है। स्वपे्ररणा से गठित होने वाले समूहों को भी कम पंजीकरण शुल्क के रूप में शासकीय वित्तीय सहयोग प्रदान किये जाने से एफ0पी0ओ0 के गठन में तेजी आयेगी।दृष्टि योजनान्तर्गत बीज विधायन संयंत्र स्थापित किये जाने पर एफ0पी0ओ0 को रू0 60.00 लाख का शत-प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इन बीज विधायन संयंत्रों को अनिवार्य रूप से बीज ग्राम योजना से सम्बद्ध कर वार्षिक लक्ष्य निर्धारित कराये जाने की आवश्यकता है तथा 100ः अनुदान के बजाय एफ0पी0ओ0 के अंशदान का प्रावधान भी होना चाहिए। जनपद कौशाम्बी में उर्वरक आपूर्ति हेतु रैक प्वाइन्ट नहीं होने से असुविधा होती है। भरवारी/सिराथू में रैक प्वाइन्ट बनाये जाने हेतु विचार किये जाने की आवश्यकता बतायी।
मण्डलायुक्त विंध्याचल ने कहा कि विंध्यक्षेत्र के कई विकास खण्ड सूखे है। एग्रो क्लाइमेट जोन के अनुसार यहाॅं के किसानों को बुन्देलखण्ड के समान सुविधाएॅं उपलब्ध करायी जाए। सोलर फेन्सिंग की आवश्कता  एवं सोनभद्र में रेक प्वांइट क्रियाशील किए जाने की माॅग रखी। साथ ही 5 हजार मी0टन क्षमता का बफर गोदाम निर्माण की आवश्यकता बतायी। फसल बीमा में ब्यक्तिगत जोखिम को जोडने की माॅग किया।
मण्डलायुक्त चित्रकूट ने कहा कि रबी हेतु निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करने का प्रयास किया जाएगी। वर्षा अच्छी हुयी है और उम्मीद है कि रबी की फसल अच्छी होगी। निवेशों की कोई समस्या ,नहीं है। किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता पर निदान कराया जाएगा।
गोष्ठी में निदेशक कृषि  विवेक कुमार सिंह द्वारा रबी की रणनीति एवं निवेशों की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया गया कि रबी हेतु जो लक्ष्य निर्धारित हैं, उनकी शतप्रतिशत पूर्ति करायी जाएगी। निदेशक उद्यान, जिलाधिकारी वाराणसी, जिलाधिकारी गाजीपुर द्वारा भी गोष्ठी में अपने विचार रखे गये। तकनीकी सत्र में शुआट्स के वैज्ञानिक डा0 शिशिर कुमार, डा0 मदन सेन द्वारा किसानों को कृषि की उपयोगी जानकारी किसानों को दी गयी। गोष्ठी में विभिन्न जनपदों से आए प्रगतिशील किसान  आर0पी0 पाण्डेय,  सुधीर कुमार मौर्य, रामसेवक, अरूणेन्द्र चैबे, विज्ञान शुक्ला, बाॅंदा, अंगद सिंह कुशवाहा कौशाम्बी, रघुवीर सिंह हमीरपुर, लव सिंह चित्रकूट, अरूण सिंह गाजीपुर आदि ने अपने अनुभव किसानों से साझा किए।
गोष्ठी में  सांसद श्रीमती केसरी देवी पटेल भी उपस्थित रहीं और अपने विचार किसानों को दिए। रबी गोष्ठी में खेत तालाब योजना के लाभाथी  पे्रमशंकर सिंह, शैलेन्द्र सिंह, जनार्दन सिंह, मुकर्रम यिसंह, अंकित कुमार आदि मिनीकिट सचिन शर्मा, मो0 उस्मान, एकलाख, रामप्यारे तथा सोलर पम्प के लाभार्र्थी इन्द्रपाल सिंह, ब्रजेन्द्र कुशवाहा, बच्चालाल, गणपति पाण्डेय, हरिकृष्ण आदि को चेक वितरण  मंत्री जी एवं कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा किया गया।
गोष्ठी में किसानों की बड़ी भारी तादात में उपस्थिति रही जिनके जलपान, दोपहर भोजनादि की व्यवस्था विनोद कुमार उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा की गयी। उनके प्रयास से गोष्ठी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुयी जिसकी  कृषि मंत्री  द्वारा सराहना की गयी।

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