कुंभ प्रयागराज और कोराेना काल में आइजी केपी सिंह ने निभाई थी अहम भूमिका

आइजी केपी सिंह का तबादला अब अयोध्या हो गया है, मगर प्रयागराज में उनका कार्यकाल बेहतर रहा। विश्वविख्यात कुंभ मेले का सफल आयोजन कराने से लेकर कोरोना काल में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने और अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ ही उन्होंने लीक से हटकर भी कई काम किए।पुलिस मित्र समूह के साथ जुड़ने के बाद रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने से लेकर मलिन बस्ती के गरीब बच्चों को बढ़ाने जैसे तमाम सामाजिक सरोकार से लोगों को बदलाव करने के लिए प्रेरित किया। पुलिस मित्र की वेबसाइट और साइबर थाना बनवाने में भी उनका विशेष योगदान रहा। शासन की मंशा के अनुरूप कौशांबी जिले के कई गांवों को प्रयागराज में शामिल कराने और पूरामुफ्ती थाने का कार्यक्षेत्र भी इसी जिले में कराने का काम किया।वर्ष 2018 में उनकी तैनाती प्रयागराज में हुई। उन्हें कुंभ मेले का एसएसपी बनाया गया और फिर डीआइजी से आइजी के पद पर पदोन्नति प्रयागराज में रहते हुए हुई। आइजी बनने के बाद उन्हें प्रयागराज रेंज का दायित्व मिला। इस दौरान प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर जिले की पुलिसिंग को बेहतर और आधुनिक बनाने में महती भूमिका अदा की। उनके ही कार्यकाल के दौरान माफिया अतीक अहमद समेत कई के खिलाफ कार्रवाई हुई तो एक लाख के इनामी पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ की गिरफ्तारी हुई। हालांकि बहुचर्चित महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद अभियुक्त आनंद गिरि ने एक वीडियो जारी कर आइजी पर भी कुछ आरोप लगाए थे लेकिन उनका कोई पुख्ता सुबूत नहीं पेश किया। आइजी केपी सिंह प्रयागराज में जनता के बीच लोकप्रिय होते गए। अपनी मिलनसारिता की वजह से वह जनता में हजारों लोगों को नाम से जानने लगे। तकरीबन 16-17 से उनका प्रयागराज से नाता बतौर पुलिस अधिकारी बना रहा है। वह एसपी यमुनापार और एसपी कार्मिक भी रहे।

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