भगवान काल भैरव को भगवान भोलेनाथ के रौद्र अवतार हैं। भैरव बाबा को आवेष अवतार के नाम से भी जाने जाते हैं। बताया जाता है जिस जातक की कुंडली में राहु और शनि ग्रह का दोष होता है, उन लोगों को भगवान काल भैरव देव की पूजा जरूर करनी चाहिए। वहीं काल भैरव की पूजा-अर्चना करने के साथ ही उनकी आरती भी करनी चाहिए। इससे भी जातक को विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भगवान काल भैरव की आरती के बारे में बताने जा रहे हैं।
काल भैरव की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा।।
प्रभु जय भैरव देवा।।
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
जय भैरव देवा…
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी।।
जय भैरव देवा।।
तुम बिन देवा, सेवा सफल नहीं होवे।
चौमुख दीपक दर्शन से सब दुःख खोवे ॥
जय भैरव देवा।।
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी।
कृपा कीजिये भैरवजी, करिए नहीं देरी।।
जय भैरव देवा।।
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू दमकावत।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत।
जय भैरव देवा।।
कालभैरवजी की आरती जो कोई जन गावे।
कहे धरनी धर मानुष मनवांछित फल पावे।।
जय भैरव देवा।।